Young Writer, शहाबगंज। कोविड-19 के सुरक्षा एवं सतर्कता मानकों को कुछ स्वास्थ्य कर्मी आज खुलेआम खारिज करते दिख रहे हैं। ताजा मामला पीएचसी शहाबगंज का है, जहां वैक्सीनेशन के लिए तैनात महिला स्वास्थ्य कर्मी बिना मास्क व ग्लव्स के लिए ड्यूटी करती दिखी। इतना ही नहीं इन कर्मियों द्वारा वैक्सीन के लिए ब्लाक क्षेत्र के दूरदराज ग्रामीण इलाके से चलकर आने वाले ग्रामीणों को प्रतिदिन दौड़ाया जा रहा है, जो केंद्र व प्रदेश सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी योजना को पतीला लगा रही हैं। दरअसल वैक्सिनेशन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सीएचओ की ओर ड्यूटी लगाई गई है लेकिन यहां पर सीएचओ प्रियंका व रुपम रानी ने खुद वैक्सीन लगाते समय न तो मास्क लगाई है और ना ही हाथों में ग्लब्स पहन रखा है। इन्हें न तो कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित होने का डर है और ना ही सरकारी आदेश के अनुपालन की फिक्र है। ग्रामीणों के आरोप पर यकीन करें तो ये महिला कर्मी मनमाने ढंग से अपने जान-पहचान वाले लोगों को वरियता के आधार पर वैक्सीन लगा रही हैं, जबकि दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को तरह-तरह के बहाने बनाकर उन्हें पीएचसी के चक्कर कटवाया जा रहा है। इतना ही नहीं पीएचसी स्थित वैक्सीनेशन सेंटर पर टीका लगाने के लिए लाइन में खड़े पुरुष व महिलाओं के बीच शारीरिक दूरी का पालन भी नहीं कराया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सीएचओ द्वारा लाइन में खड़े लोगों को वैक्सीन न लगा कर बल्कि अपने परिचत लोगों को साइड से वैक्सीन लगाती हैं। जिनका ग्रामीणों ने हो हल्ला मचाना शुरू कर दिया। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. हीरालाल पटेल ने समझा बुझाकर नियम से सबको वैक्सीन लगाने की हिदायत सीएचओ को दिए। यहां पर 400 वैक्सीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगाया गया। इसके बाद भी बहुत से लोग वापस लौट जाते हैं।