8.9 C
New York
Thursday, April 25, 2024

Buy now

उपजा लेटर पैड फर्जीवाड़ाः आठ नामजद आरोपितों में पांच की अग्रिम जमानत खारिज

- Advertisement -

गिरफ्तारी की तलवार लटकी तो इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचे आरोपी

धानापुर। जनपद एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार द्विवेदी ने यूपी जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा) के नाम, पंजीकरण संख्या, प्रतीक चिन्ह एवं प्रांतीय कार्यालय के पता का कूटरचित प्रपत्र तैयार कर फर्जीवाड़ा करने के आठ नामजद आरोपितों में पांच की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया। जिससे उनमें हड़कंप मच गया है। अब जबकि उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी तो पांचो आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं योजित कर एंटी सेपेट्री बेल देने की गुहार लगाई है।यूपी जर्नलिस्ट एसोसिएशन (उपजा) चंदौली के जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ने बताया कि संगठन की शिकायत पर चंदौली पुलिस ने नंद मुरारी शंकर शरण पाठक, विवेक कुमार दूबे, रुद्र शंकर पाठक, धीरज कुमार चौबे, अभिषेक नारायण मिश्र, मनमोहन गुप्ता, आनंद कुमार उपाध्याय एवं शैलेंद्र पांडेय के विरुद्ध धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत नामजद केस दर्ज किया था। पुलिस ने जैसे ही इन जालसाजों पर गिरफ्तारी का दबाव बनाया। वैसे ही नंद मुरारी एवं रुद्र शंकर ने याचिका संख्या 217 तथा आनंद कुमार उपाध्याय, धीरज कुमार चौबे और मनमोहन गुप्ता ने याचिका संख्या 220 योजित कर जनपद एवं सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत की गुहार लगाई। जिस पर जिला शासकीय अधिवक्ता (दांडिक) शशि शंकर सिंह ने आरोपितों की जमानत का मुखर विरोध किया और अपनी दलीलें पेश की, जिससे संतुष्ट होकर सत्र न्यायालय ने दोनो अलग अलग याचिकाओं में उल्लिखित सभी पांचो आरोपितों की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। इस मामले में सत्र न्यायालय ने कठोर टिप्पणी करते हुए कहा है कि केस की गम्भीरता को मद्देनजर रखते हुए केस के गुण-अवगुण पर कोई मत व्यक्त किये बिना अग्रिम जमानत पर रिहा किये जाने का न्यायोचित नहीं पाया जाता है। इनसेट—आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस जल्द करेगी छापेमारी धानापुर। उपजा के नाम, पंजीकरण संख्या, प्रतीक चिन्ह और प्रांतीय कार्यालय के नाम का कूटरचित प्रपत्र तैयार कर फर्जीवाड़ा करने के आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर चंदौली कोतवाली पुलिस छापेमारी करने की तैयारी कर रही है। संभव है कि सभी आरोपित जल्द ही पुलिस के गिरफ्त में होंगे। इस बाबत वरिष्ठ अधिवक्ता व उपजा के विधि परामर्शी गोविंद उपाध्याय ने बताया कि बेहद गंभीर प्रकरण है। साक्ष्यों को देखने से लग रहा है कि आरोपी चाहे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों, उन्हें जेल जाना ही पड़ेगा। पुलिस की जांच में कई और लोगों के भी नाम जुड़ सकते हैं।

Related Articles

Election - 2024

Latest Articles

You cannot copy content of this page

Verified by MonsterInsights