Young Writer, धीना। क्षेत्र में स्थित अमड़ा नहर, धीना रजवाहा में टेल तक आज भी नहर में पानी न पहुंचने से खेत में दरार पड़ने लगी है। इस कारण खेतों में रोपी गयी धान की फ़सल सूखने के कगार पर पहुंच गयी है जिसको लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गयी है जिससे किसान वर्षाें न होने से काफ़ी चिंतित हैं। शासन-प्रशासन का फरमान है कि नहरों को पूरी क्षमता से चलाकर नरवन क्षेत्र की नहरों में टेल तक पानी पहुंच पा रहा है। इससे किसानों को धान की फ़सल लगाने में दिक्क़त न हो। परन्तु इस नरवन क्षेत्र के अमड़ा नहर और धीना रजवाहा में आज तक टेल तक पानी नहीं पहुंच सका। धान की रोपाई का समय समाप्ति की ओर है खेत खाली पड़े हुए हैं। जो कुछ येनकेन प्रकारेण निजी संसाधन कुछ वर्षा से रोपे गये हैं उन खेतों में दरारे पड़ गयी हैं और वह सूखने के कगार पर हैं। किसान विश्वनाथ सिंह, रतन कुमार सिंह का कहना है कि नरवन परगना के टेल धीना रजवाहा अमड़ा मेन कैनाल के खेती के कमोवेश यही स्थिति है। किसानों ने जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए अविलम्ब टेल तक नहर अमड़ा, धीना रजवाहा में पानी पहुंचाया जाय।
सिंचाई संसाधनों के बावजूद सूख रही धान की फसल
बबुरी। अबकी बार क्षेत्र में पर्याप्त बरसात न होने के कारण जनपद में सूखे की स्थिति बनी हुई है वहीं कई गांवो में सिंचाई के साधन मौजूद होने के बाद भी धान की फसल सूख रही है। क्षेत्र के परनपुरा गांव के सिवान में लगे एक ट्यूबवेल की, जहां ट्यूबवेल से चंद कदम की दूरी पर धान की फसल रोपी खेतों में दरारें फटी हुई है। ऐसा नहीं है कि ट्यूबवेल खराब है या चलता नहीं है।
दरअसल ट्यूबवेल निर्माण के समय ही ग्राम प्रधान, अधिकारियों तथा ठेकेदारों की मिलीभगत से अनियमितता का खेल खेला गया है, जिससे किसानों को ट्यूबवेल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ट्यूबवेल से लगायत खेतों तक सिंचित भूमि का क्षेत्र 12 सौ मीटर है, लेकिन ठेकेदारों द्वारा 600 मीटर पाइप बिछाकर, बाकी गड्ढे खोदकर छोड़ दिया गया है, जिससे किसान सिंचाई से पूरी तरह वंचित हैं। दशा यह है कि खेतों में रोपाई तो हुई है लेकिन मिट्टी सूख कर पपड़ी में तब्दील हो रही है। दर्जनों खेतों में दरारें पड़ी हुई है और फसल खड़े-खड़े सूख रही है। ग्राम प्रधान और किसानों ने कई बार इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों से की लेकिन अभी तक इसका कोई भी निराकरण नहीं हो पाया है। थक हार कर ग्राम प्रधान निशा देवी ने अपनी गुहार जिलाधिकारी से लगाई है। अपनी शिकायत में ग्राम प्रधान निशा देवी ने बताया है कि सरकारी जमीन उपलब्ध होने के बावजूद पूर्व ग्राम प्रधान ने अपनी निजी जमीन में ट्यूबवेल लगवाया है। जहां आने जाने के लिए ना तो रास्ता है न हीं नाली बनाने के लिए पर्याप्त जमीन है। अपनी शिकायत में ग्राम प्रधान ने कहा है कि पूर्व प्रधान ने अपने जमीन में चार कुलावा लगाया है जो न्याय संगत नहीं है। निशा देवी ने लिखा है कि इसकी शिकायत विभाग के अधिशासी अभियंता से कई बार कर चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। ट्यूबवेल के पास दर्जनों खेत सूखे की मार झेल रहे हैं लेकिन ट्यूबवेल के पानी से सिंचित नहीं हो पा रहे हैं। उक्त ट्यूबवेल का निर्माण सन 2019 में 29.88 लाख की लागत से हुआ है। किसान कहते हैं कि 600 मीटर पाइप बिछाकर, बाकी पाइप कहां है और किस दशा में नहीं बिछाई गई यह समझ से परे है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई लेकिन किसी भी अधिकारी ने अभी तक ट्यूबवेल की ओर झांकने की जहमत नहीं उठाई। अब देखना यह है कि सूखे की मार झेल रहे परनपुरा गांव के किसान ट्यूबेल की सुविधाओं का लाभ कब तक ले पाते हैं।