Young Writer, चहनियां। श्री रामलीला समिति रामगढ़ में चल रही रामलीला में भगवान श्रीराम के जन्म का दृश्य मंचन किया गया। श्रीराम के बाल्य रूप का लोकनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रबंधक धनंजय सिंह द्वारा आरती उतारी गई। लीला में सभी देवी-देवताओं का भगवान विष्णु के पास जाना और अपना राक्षसों के द्वारा उत्पीड़न के बारे में बताना। इसके अलावा राजा दशरथ ने दरबार में ऋंगी ऋषि का आना, राजा दशरथ द्वारा पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ करना, राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का जन्म होना, सुबाहु मारीच द्वारा राहगीरों को लूटना, सुबाहु मारीच द्वारा विश्वामित्र का यज्ञ भंग करने के दृश्य दिखाए गए।


उधर, राम जन्म की खुशी में पूरे नगर में नगरवासियों द्वारा ढ़ोल नगाड़े के साथ नाच गाना का आयोजन किया गया। इससे पहले देवताओं ने क्षीर सागर में जाकर भगवान विष्णु से अवतरित होने की प्रार्थना की। जिसके पश्चात विश्वामित्र के कहने पर श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेष्टि यज्ञ किया और महाराजा दशरथ को पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। वरदान अनुसार दशरथ की तीनों रानियां कौशल्या, कैकेयी व सुमित्रा ने बच्चों को जन्म दिया। चारों भाइयों राम, भरत, लक्ष्मण, शतुघ्न के जन्म पर अयोध्या में महिलाओ द्वारा सोहर मंगल गीत गाए गए। इसके उपरांत राक्षसों से प्रताड़ित होने पर विश्वामित्र ऋषि द्वारा अयोध्या आकर राजा दशरथ से अपनी पीड़ा कही तथा श्रीराम और लक्ष्मण को कुछ दिन के लिए अपने साथ वन में ले जाने के लिए आग्रह किया। रामलीला में इन प्रसंगों का मंचन किया गया। इस दौरान लोकनाथ महाविद्यालय के प्रबन्धक धनंजय सिंह, लुसन सिंह, व्यास शोभनाथ पांडेय, राधेश्याम पांडेय, उमेश सिंह, डा.बंगाली, विक्रमादित्य सिंह, शैलेन्द्र सिंह, रविन्द्र सिंह, राजेन्द्र मिश्रा, रामअनुज यादव, शिवदत्त पाण्डेय, मुन्ना सिंह, राजेश यादव, प्रभुनाथ पाण्डेय आदि लोग उपस्थित रहे।