गोरारी में ग्रामीणों ने गाजे-बाजे व ढोल-नगाड़े के साथ किया स्वागत
Young Writer, चंदौली। चंदौली का कण-कण सूरज का ओज और चंद्रमा की चमक को अपने आप में समेटे हुए है। यहां की मिट्टी में जन्मे और पले-बढ़े युवा आज अपने हौसले, हूनर और अब हुस्न के बूते चंदौली की चमक को देश व विदेशों में बिखेर रहे हैं। इन प्रतिभावान युवाओं की सफलता से परिजनों के चंदौली का जन-जन अपने आप को आज गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
इस कड़ी को गोरारी निवासी चंचल सारस्वत ने अपनी सफलता से आगे बढ़ाने का काम किया है। यह वही नाम है जो आप पूरे भारत में सुर्खियां बंटोर रहा है। हाल-फिलहाल यूपी के झांसी में आयोजित रूप्स मिस्टर इंडिया कॉन्टेस्ट आयोजित हुआ। जिसमें भारत के कोने-कोने से मिस्टर इंडिया का खिताब पाने के लिए युवाओं ने भाग लिया था। कई राउंड तक चले खिताबी टक्कर में प्रतिद्वंदियों को शिकस्त देकर चंचल शाश्वत ने मिस्टर इंडिया खिताब अपने नाम किया। मिस्टर इंडिया का खिताब जीतने वाले चंचल सारस्वत के पिता सद्गुरु ईश्वरानंद महाराज गोरारी स्थित आश्रम में मठाधीश है। चंचल सारस्वत ने अपने सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया है। बताया कि आज उनकी पहचान के पीछे उनके पिता का मार्गदर्शन व चातुर्दिक सहयोग है। बताया कि प्रतियोगिता में इंट्रोडक्शन राउंड, टैलेंटराउंड, टास्क राउंड के साथ ही सेमीफाइनल व फाइनल राउंड में अपने पिता के दिए हुए मार्गदर्शन से मेरे विश्वास को बस मिला जो मेरी जीत का मुख्य आधार बना। अपनी जीत के बाद अपने पैतृक गांव गोरारी पहुंचने पर परिजनों व ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़े व गाजे-बाजे के साथ चंचल श्रीवास्तव का जोरदार स्वागत किया।