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Saturday, April 20, 2024

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खुशी की उड़ानः महिला का सम्मान व सुरक्षा सरकार ही नहीं समाज की जिम्मेदारी

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Young Writer, डीडीयू नगर। आज देश की बेटियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं। पहले जहां बेटियों के पैदा होने पर भी उन्हें बाल विवाह जैसे कुप्रथा में झोंक दिया जाता था, वहीं आज बेटी होने पर लोग गर्व करते हैं। सरकार ने समाजसेवी संस्थाओं ने भी महिलाओं को सशक्त बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।उसी के क्रम में महिला एवं बाल विभाग एवं महिलाओं एवं दिव्यांगों पर काम करने वाली संस्था खुशी की उड़ान ने राष्ट्रीय बालिका दिवस सप्ताह के अंतर्गत बृजनंदनी ग्लोबल एकेडमी में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर किशोरियों को जागरूक किया।

मुख्य अतिथि अपर जिला जज ज्ञानप्रकाश शुक्ला ने किशोरियों को हौसला देते हुए कहा कि “चुप्पी तोड़ो ,खुलकर बोलो” अगर कोई आपके साथ गलत तरीके से शारीरिक व्यवहार कर रहा है तो इसकी शिकायत आप अपने माता पिता एवं पुलिस को करें, फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में पॉस्को के तहत कड़ी कार्यवाही की जाती हैं।कानून व्यवस्था में आप सबके सम्मान एवं स्वाभिमान के मजबूत एवं कड़े प्रावधान बनाये गए है।

इस अवसर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने किशोरियों को जागरूक करते हुए कहा की महिलाओं के सुरक्षा एवं सुविधा के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित है जैसे 1090 वीमेन पॉवरलाइन, 181 महिला हेल्पलाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 112 तत्काल पुलिस सेवा एवं 108 एम्बुलेंस एवं 1098 चाइल्ड लाइन है, इन नम्बरों पर सम्पर्क पर मदद ली का सकती है। इसके साथ साथ कन्या सुमंगला, बेटी बचाओ एवं बेटी पढ़ाओ जैसी अनेक योजनाएं चल रही है। सभी को इसका लाभ लेना चाहिए।

वही महिला कल्याण अधिकारी दीक्षा अग्रहरि ने शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि “पढ़ी लिखी नारी घर की उजियारी” एक पुरुष यदि पढ़े तो उसकी पढ़ाई सिर्फ उसी के काम आती है पर यदि महिला पढ़ी हो तो उसकी पढ़ाई पीढ़ियों तक काम आती है। महिला का अनुसरण करके उस परिवार का रहन-सहन, खानपान ,बातचीत का तरीका बदल जाता है एवं नई पीढ़ी स्वतः की पढ़ाई की ओर अग्रसर हो जाती हैं।

बालिका दिवस सप्ताह कार्यक्रम को संबोधित करती सारिका दुबे।
बालिका दिवस सप्ताह कार्यक्रम को संबोधित करती सारिका दुबे।

इस अवसर पर बाल संरक्षण अधिकारी किशन वर्मा ने कहा कि कोविड के दौरान अपने जिनके माता पिता के देहान्त हो गया है उनको मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं बाल सेवा योजना (सामान्य) में आवेदन कर सकते है। कोविड-19 से मृत्यु अगर हुई होगी तो 4000 प्रति मासिक एवं सामान्य कारणों से अगर मृत्यु हुई होगी तो 2500 प्रति मासिक सरकार द्वारा दिया जाएगा। संस्था की संस्थापिका सारिका दुबे ने कहा कि महिला के सम्मान एवं सुरक्षा सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। बृजनंदनी ग्लोबल एकेडमी के चेयरमैन बिरजू अग्रहरि ने कहा कि खुशी की उड़ान संस्था महिलाओं और दिव्यांगों के लिए अतुलनीय एवं ईश्वरीय कार्य कर रही है। इस अवसर पर मुख्य रूप से सचिव विकास गुप्ता, सचिव रितिक यादव, विवेक कुमार गोंड, चितेश्वर सेठ, विशाल कुमार सुदीक्षा दुबे इत्यादि लोग उपस्थित रहे। संचालन संस्था के महासचिव देव जायसवाल ने किया।

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