Young Writer, चंदौली। आज भी जब किसी परिवार में बेटी का जन्म होता है तो उसे सर्वप्रथम इस धरा पर उसे लक्ष्मी के नाम से पुकारा जाता है। इसके पीछे प्राचीन व पुरातन कई मान्यताएं और धार्मिक दृष्टिकोण से महिलाओं को दिए जाने वाला सम्मान व बहुत से तर्क हैं। लेकिन आज बेटियां अपने आपमें शिक्षा व संस्कार का समावेश करके हर क्षेत्र में सफलता के झंडे लहरा रही हैं। फिर चाहे वह शहरी क्षेत्र की बेटी हो या फिर ग्रामीण इलाके में पली-बढ़ी हो सामान्य परिवार की लाडली। इसकी जीवंत नजीर जलालपुर की लक्ष्मी हैं।
जिन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर न केवल परिवार व परिजनों का मान बढ़ाया, बल्कि उनकी इस सफलता से पूरा जलालपुर गांव खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उच्च शिक्षा आयोग उत्तर प्रदेश की ओर से निकाली गई भर्ती में उन्होंने ओबीसी की मैरिट में छठा स्थान प्राप्त हुआ। चयन के बाद लक्ष्मी को पहली नियुक्ति मेरठ स्थित रघुनाथ गर्ल्स पीजी कालेज मेरठ में तैनाती मिली है। जहां वे राजनीति विज्ञान विषय की शिक्षक के दायित्व का निर्वहन करेंगी। उनकी नियुक्ति का पत्र दो मार्च को जारी किया गया। इस बात की जैसे ही लक्ष्मी को जानकारी हुई वह खुशी से खिल उठीं। वहीं उनकी सफलता पर परिवार भी गदगद नजर आए। परिवार के लोगों ने एक-दूसरे का मुंह मीठाकर खुशी का इजहार किया।