चंदौली स्थित मदरसा जामिया इत्तेहादुल उलूम में कुरआन तरावीह मुकम्मल
Young Writer, चंदौली। नगर स्थित मदरसा जामिया इत्तेहादुल उलूम में शुक्रवार की रात कुरआन तरावीह मुकम्मल हुई। इस दौरान हाफिज-ए-कुरआन मुस्ताक ने मोमिनों की खुशहाली, उनकों तकलीफ से निजात दिलाने व देश में अमन-चैन कायम रखने के लिए अल्लाह से दुआ की। तकरीर पेश करते हुए उन्होंने मोमिन भाइयों को बच्चों की शिक्षित बनाने पर गौर फरमाया। उन्होंने कहा कि जिन्हें खुदा ने दौलत नवाजा है समाज के ऐसे प्रबुद्ध लोग गरीब मुसलमान बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा संभाले, ताकि उनका मुस्तकबिल संवर सके। कहा कि मुसलमानों के बिगड़े हालात को बच्चों की शिक्षा और हर क्षेत्र में उनकी मौजूदगी से ही दूर किया जा सकता है।


उन्होंने कहा कि इस्लाम हमें लोगों से मोहब्बत करना सिखाता है। हमें नेकी की राह पर चलने के लिए प्रेरित करता है। नमाज कायम करें और अपने परिवार को अच्छी तरबीयत दें। माह-ए-रमजान रहमत, बरकत और इबादत का महीना है। इस महीने में हमें रोजा रखने के साथ ही नमाज कायम करके खुदा से अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए। इस नियत के साथ जीवन के आगे का सफर तय करें कि अपनी कारगुजारी से किसी को तकलीफ ना हो। कहा कि आज पूरे देश में मुसलमान हाल परेशान है। इसके पीछे मुसलमानों का इल्म से दूर होना सबसे बड़ी वजह है। इस पर हम सभी को ध्यान देने की जरूरत है। कौम की तरक्की व खुशहाली का रास्ता तालिम हासिल करके ही तय किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि गरीब व जरूरतमंद मुस्लिम बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए माल-दौलत वाले मुस्लिम आगे आएं। ऐसे बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी उठाएं और कमजोर व बिखरती कौम को एक धागे में बांध कर मजबूती दिलाने की दिशा में पहल करें। अंत में उन्होंने सभी मुस्लिम बंधुओं से पूरे रमजान माह में सुन्नत तरावीह व नमाजे अदा करने का आह्वान किया और फिर सभी ने मिलकर दुआ मांगी। इस अवसर पर अली अहमद, जावेद अख्तर, शमीम पलम्बर, बाबर अली, शाहिद खान, शमशाद अंसारी, इरफान अहमद, अशफाक हैदर, इंतखाब आलम, आरिफ अंसारी, ऐनुल हाशमी, राशिद खान, नेहाल अंसारी, इरफान खान, अरशद, टीपू, गुटरू, सिब्लू, सोहेल, अयान अंसारी, कामरान आदि उपस्थित रहे।