चंदौली। विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम राजेंद्र प्रसाद की कोर्ट में गुरुवार को बलात्कार के मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान साक्ष्य के आधार पर दोष सिद्ध होने पर आरोपी इरफान उर्फ जुगनू को 22 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 10 हजार रुपया जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा न करने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगने का फैसला सुनाया।
अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता पाक्सो शमशेर बहादुर सिंह, अवधेश नारायण सिंह और रमाकांत उपाध्याय ने तर्क प्रस्तुत कर मुकदमें की पैरवी की। उन्होंने बताया कि बबुरी थाना क्षेत्र के एक गांव की 10 वर्षीय पीड़िता की मां ने 9 मई 2018 को इस आशय की रिपोर्ट थाने में दर्ज करायी। आरोप लगाया कि आठ मई 2018 को उसकी पीड़िता बेटी के साथ पांच वर्षीय छोटी पुत्री घर में एक ही चारपाई पर सोयी थी। घर के बाहर दुकान में खुद सोने चली गई थी। इसका फायदा उठाकर पड़ोस का इरफान उर्फ जुगनू रात करीब साढ़े 10 बजे घर में घुस गया और पीड़िता बेटी को उठाकर दूसरे चारपाई पर ले जाकर जबरन बलात्कार किया। चिल्लाने पर उसका मुंह दबा दिया। साथ ही धमकी दिया कि यह बात किसी को बतायी तो जान से मार देंगे। इस संबंध में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। इसकी सुनवाई स्पेशल जज पाक्सो राजेंद्र प्रसाद ने किया। इस दौरान दो सिद्ध होने पर आरोपी इरफान को धारा 5 (एम)/6 पाक्सो एक्ट में 22 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। वहीं 10 हजार रुपया अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर एक साल की अतिरिक्त सजा का फैसला सुनाया। इसके अलावा धारा 452 आईपीसी में चार वर्ष व पांच हजार रुपया जुर्माना, धारा 506 आईपीसी में एक साल की कठोर कारावास की सजा और एक हजार रुपया जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।