चंदौली। जनपद पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का फंडाफोड किया है, जो युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर अपने जाल में फंसाकर ठगने का काम करते थे। साइबर सेल टीम व थाना अलीनगर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गिरोह के सात अभियुक्तों को चन्दरखा गांव से गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्तों के पास से बड़ी संख्या में फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुए है। मामले का एसपी डा. अनिल कुमार ने पुलिस लाइन सभागार में सोमवार को खुलासा किया। साथ ही टीम को पुलिस अधीक्षक चंदौली द्वारा पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
उन्होंने बताया कि अन्तर्प्रान्तीय गिरोह द्वारा अब तक उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, झारखण्ड के युवाओं को बड़ी संख्या में अपना शिकार बनाकर लाखों रुपये की ठगी की जा चुकी है। इस तरह मिल रहे लगातार इनपुट को ध्यान में रखते हुए क्षेत्राधिकारी क्राइम आशुतोष के नेतृत्व में साइबर सेल व थाना अलीनगर की पुलिस टीम द्वारा यह गिरफ्तारी व बरामदगी की। दरअसल 15 सितम्बर को चन्दौली जिले के अमित यादव, सुनील यादव, पंकज कुमार यादव, प्रमोद कुमार यादव, शिवा यादव, दीपू यादव, विपीन यादव, चन्द्रजीत यादव, आदित्य नरायन समेत अन्य युवकों द्वारा नौकरी के नाम फर्जीवाड़े की लिखित सूचना दी थी। जिसमें बताया कि 2021 दिसम्बर से ही एसएससी, एनटीपीसी, एग्रीकल्चर विभाग झारखण्ड मंे नौकरी दिलाने के नाम पर 22 लाख रूपये सैयदराजा निवासी अभिषेक पाण्डेय, मेढ़ी निवासी ऋषि यादव, कुरहना निवासी सौरभ पाण्डेय, नोएडा निवासी अमनदीप उर्फ रोहन द्वारा लिए गए। इसके बदले फर्जी एनटीपीसी का ज्वाइनिंग लेटर थमा दिया। इस बाबत अलीनगर समेत अन्य थानों में मुकदमा भी दर्ज था। इसी क्रम में सर्विलांस टीम की मदद से पुलिस ने छापेमारी करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ, जिसका मुख्य सरगना प्रमोद कुमार मण्डल है तथा अभिषेक पाण्डेय उसका सहायक हैं। इस बाबत एसपी चंदौली डा.अनिल कुमार ने बताया कि चंदौली समेत अन्य जनपदों के युवकों का एक गैंग संचालित हो रहा था जो बेरोजगार युवाओं को फरमाकर सरकारी नौकरी मिलने के नाम पर ठगी करते थे। गिरोह के सदस्यों को चन्दरखा गांव के सामने हाईवे के किनारे बन्द पड़े मकान से उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब ये मीटिंग कर रहे थे। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।