चंदौली। शासन द्वारा प्रतिकूल धरातलीय परिस्थितियों को नजर अंदाज कर बिना हमारी मांगे पूरी किये, मनमाने उत्पीड़न युक्त डिजिटाइजेशन के अव्यावहारिक आदेश के विरोध में सोमवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ व शिक्षक मोर्चा चंदौली ने इस आदेश का विरोध किया। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर प्रदेश के सभी जनपदों में इस व्यावहारिक आदेश का आज विरोध किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे जैसे अन्य विभागों की भांति आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में हाफ डे लीव का विकल्प दिया जाए। शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ईएल प्रदान किया जाए। अवकाश के दिनों में कार्य करने पर प्रतिकर अवकाश का विकल्प दिया जाए। प्राकृतिक आपदा स्थानीय स्तर पर मौसम की प्रतिकूलता होने पर विभाग द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति में शतिथिलता प्रदान किया जाए। पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन के नेटवर्क के अधीन होता है एक ही समय में अधिक लोड से सर्वर क्रैश होने पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। महिला शिक्षकों का फोटो बीईओ को भेजना उनके निजता का हनन इसमें संशोधन किया जाए आदि मांगे जब तक पूर्ण नहीं की जाएंगे। इसका विरोध अनवरत चलता रहेगा। डा.सुनीता तिवारी ने बताया कि इस अव्यावहारिक आदेश के खिलाफ जनपद स्तर पर हर संगठन शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक एकजुट हैं। कहा कि जब तक शिक्षक समस्याओं जैसे शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा, कैशलेस मेडिकल की सुविधा, शिक्षकों को पुरानी पेंशन की व्यवस्था, शिक्षामित्र अनुदेशक को शिक्षक के रूप में समायोजित कर समान कार्य समान वेतन दिया जाए। विद्यालय अवधि के बाद कोई बैठक नहीं बुलाई जाए। एमडीएम से प्रधानाध्यापक को मुक्त रखा जाए। माध्यमिक शिक्षकों की भांति 12 वर्ष पर प्रोन्नत चयन वेतनमान आदि समस्याओं को समाधान किया जाए। समाधान नहीं होने तक आदेश का पूर्णतः विरोध जारी रहेगा। काली पट्टी बांधकर शिक्षक शिक्षण कार्य करेंगे। इस मौके पर संतोष सिंह, मनोज पांडेय, आनंद, संजय सिंह, इम्तियाज खान, फैयाज अहमद, सुनील सिंह, विनोद सिंह, यशवर्धन सिंह, आनंद मिश्रा, संदीप दुबे, सुनील यादव, इंद्रजीत यादव, विकास यादव, अभिनव सिंह, राजकुमार जायसवाल आदि उपस्थित रहे।