ग्रामीणों ने सड़क की गुणवत्ता पर उठाए सवाल, ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की मांग
Young Writer, चंदौली। जनपद चंदौली में सड़क धंसने का सिलसिला शुरू हो गया। जिलाधिकारी कार्यालय से आधा किलोमीटर दूर जसुरी गांव के समीप मुख्य गंगा नहर से सटे सड़क गुरुवार की दोपहर एकाएक धंस गयी। संयोग अच्छा रहा कि जिस वक्त सड़क धंसी उससे कुछ सेकेंड पहले ही वहां से स्कूली बच्चों का वाहन वहां से गुजरा। घटना के बाद जुटे आसपास के लोगों ने तत्काल सिंचाई विभाग के अफसरों को सूचना दिया। वहीं जानकारी होते ही कोतवाली भी मौके पर पहुंच गयी। घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया और सड़क की गुणत्ता की जांच करा ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
जसुरी गांव के ग्रामीण बताते हैं कि गुरुवार की दोपहर दो बजे जसुरी नहर से होकर गुजरी सड़क बीचोबीच अचानक धंसने लगी। यह देखकर ग्रामीणों ने वहां से गुजरने वाले बाइक सवार व चार चक्का वाहनों को सतर्क किया। इसके बाद चार फीट से ज्यादा गोलाई में धंस चुकी सड़क के चारों तरफ पेड़ की टहनियां लगा दी, ताकि कोई भी वाहन चालक हताहत नहीं होने पाए। ग्रामीणों की सूचना पर सिंचाई विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंच गए और सड़क के बीचोबीच हुए गड्ढे को तत्काल मरम्मत किए जाने की बात कही, लेकिन समाचार लिखे जाने तक मरम्मत का कार्य नहीं हो सका था। वहीं दूसरी ओर स्थानीय ग्रामीण सड़क धंसने की घटना को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों व सड़क बनाने वाले ठेकेदार के खिलाफ आक्रोशित नजर आए। ग्रामीणों का आरोप था कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता का बिल्कुल ध्यान नहीं दिया गया, यही वजह है कि सड़क बीचोबीच कई फीट अंदर धंस गयी। बताया कि यह मार्ग से पड़या, जसुरी गांव के अलावा धूरीकोट, पुरवा, मद्धूपुर, जगदीशसराय, कटसिला, भिखारीपुर आदि गांव के लोगों का आना-जाना होता है। यदि सड़क की तत्काल मरम्मत नहीं की गई तो रात्रि में कोई भी उक्त गड्ढे में गिरकर हताहत हो सकता है।
सड़क निर्माण में बड़े पैमाने पर हो रही कमीशनखोरी
चंदौली। जसुरी गांव के पास सड़क धंसने की सूचना पर जगदीशसराय गांव निवासी समाजवादी नेता दिलीप पासवान मौके पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सड़क की स्थिति देखकर सरकारी तंत्र पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया। कहा कि भाजपा सरकार में कमीशनखोरी अपने चरम पर है। यही वजह है कि प्रभुश्रीराम की नगरी अयोध्या से लगायत चंदौली तक जगह-जगह सड़कें धंस जा रही है। इस मामले में जिला प्रशासन संज्ञान ले और सड़क की गुणवत्ता की जांच कर दोषी ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही करे। साथ ही संबंधित विभाग के अफसरों को भी दंडित करना सुनिश्चित करे।