मंदिर प्रांगण में आयोजित पांच दिवसीय कार्तिक मेला का हुआ समापन
Young Writer, नौगढ़। पहाड़ियों के बीच आसीन चिरप्रसिद्ध दक्षिणमुखी कोइलरवा हनुमान परिसर में आयोजित पांच दिवसीय कार्तिक मेला का समापन शुक्रवार को हुआ। जहां पर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल सहित बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश से करीब बीस हजार की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम चन्द्र के अनन्य भक्त हनुमान जी का दर्शन पूजन करके सुखी जनजीवन की कामना किया। मंदिर परिसर में अनेकों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण भी किया। जय श्री राम व बजरंग बली के जयकारों के उद्घोष से वन क्षेत्र भक्ति मय हो गया था।
आमचुआं दरी व मंदिर परिसर के बाहर में सैकड़ों स्थानों पर भोजन बना कर लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया गया। पेयजल का समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं होने से पानी के लिए लोगों को बहुत काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। मंदिर परिसर में स्थापित समर्सेबुल पंप से सुरक्षा बल के जवानों की निगरानी में लोगों को लाईन लगवाकर के पानी उपलब्ध कराया गया। वहीं पेयजल के लिए आमचुआं दरी में स्थित प्राकृतिक जलस्रोत पर भी पानी लेने के लिए काफी भीड़ रही। उपजिलाधिकारी कुंदन राज कपूर ने मेला के अवसर पर 07 टैंकर पानी उपलब्ध कराने का निर्देश खण्ड विकास अधिकारी को दिया था। जिसपर विकास विभाग की ओर से कोई भी पहल नहीं किया गया। नगर पंचायत चकिया से एक टैंकर पानी की सुविधा मुहैया कराई गई थी। मंदिर परिसर के बाहर कई दिनों से एक खाली टैंकर रखा गया था।
मेला में फूल माला प्रसाद चाट पकौड़ी गुड़ से बनी जलेबी खेल खिलौने के सामानों ईत्यादि दुकानों पर काफी भीड़ लगी रही। प्राकृतिक मनमोहक छठा के बीच सेल्फी व फोटो खींच कर अनेकों लोगों ने यादगार के रूप में संजोने के लिए अपने अपने कैमरों में कैद किया। मंदिर के महंत श्री राम दास त्यागी ने बताया कि परंपरागत 05 दिवसीय कार्तिक मेला में पहली बार टैंकरों से पेयजल की सुविधा ग्राम पंचायत या समाजसेवियों की ओर से उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे पेयजल के लिए श्रद्धालु काफी परेशान हुए। मंदिर परिसर से दो सौ मीटर दूर बैरियर लगा कर दो पहिया चार पहिया वाहनों को रोके जाने की पुलिस की पहल का कोई असर नहीं दिखा। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी कुंदन राज कपूर, सीओ आपरेशन कृष्ण मुरारी शर्मा, थानाध्यक्ष कृपेन्द्र प्रताप सिंह, पुलिस चौकी इंचार्ज चन्द्रप्रभा मनोज कुमार तिवारी मौजूद रहे। मेला परिसर व जंगलों में पुलिस व पीएसी के जवानों की कड़ी निगरानी ड्यूटी लगाई गई थी।