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Monday, January 13, 2025

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एससीएसटी के तहत चहनियां प्रमुख पर दर्ज होगी एफआईआर,न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससीएसटी ने जारी किया आदेश

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चंदौली। ब्लाक प्रमुख चहनियां अरुण कुमार जायसवाल की मुश्किल कम होती नजर नहीं आ रही है। ब्लाक की राजनीतिक में लम्बी चली रस्साकसी में भले ही वह विरोधियों को मात देकर कुर्सी बचाने में सफल रहे। लेकिन उनके खिलाफ नए साल के पहले दिन ही न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससीध्एसटी एक्ट श्याम बाबू यादव ने पपौरा के क्षेत्र पंचायत सदस्य मुकेश खरवार के प्रार्थना.पत्र के आलोक में सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज किए जाने का आदेश बलुआ थानाध्यक्ष को दिया है। न्यायालय ने ब्लाक प्रमुख चहनियां अरुण कुमार जायसवालए गोपाल सिंह उर्फ बब्लू एवं मोनू सिंह के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर विवेचना की कार्यवाही करते हुए न्यायालय में आख्या प्रेषित करने का आदेश जारी दिया है।
विदित हो कि चहनियां ब्लाक क्षेत्र के पपौरा के बीडीसी मुकेश खरवार चहनियां प्रमुख के खिलाफ अविश्वास की मांग को लेकर 66 बीडीसी के साथ जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत हुए थे। आरोप है कि इसके बाद बीते 14 मार्च 2024 को चहनियां प्रमुख की सह पर पपौरा राधाकृष्ण मंदिर में पूजा के दौरान गांव के गोपाल सिंह उर्फ बबलू व मोनू सिंह ने प्रमुख के पक्ष में तैयार किए गए हलफनामा पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया। इन्कार करने पर गाली.गलौज के साथ ही जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया और मारपीट की। जबरन मोटरसाइकिल से उठाकर ले जाने का प्रयास किया गया। शोरगुल पर पत्नी जीरानी देवी व अन्य आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और बीचबचाव किया। घटना के बाद पीड़ित बीडीसी मुकेश बलुआ थाने गए और एसपी को प्रार्थना.पत्र देकर फरियाद लगाई लेकिन सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। जहां विपक्षियों ने जाति पर सवाल किया। इसके बाद न्यायालय ने इसे परिवाद के रूप में दर्ज कर लिया। जिस पर पीड़ित बीडीसी हाईकोर्ट पहुंचे और न्यायिक लड़ाई लड़कर निचली अदालत के फैसले को रद्द कराया। इसके बाद न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससीध्एसटी एक्ट ने दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों के अवलोकन के बाद धारा.156;3द्ध के तहत प्रस्तुत प्रार्थना.पत्र को स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने बुधवार को ब्लाक प्रमुख चहनियां व उनके सहयोगी गोपाल सिंह उर्फ बबलू और मोनू सिंह के खिलाफ सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत करने का आदेश जारी किया है। साथ ही मामले की विवेचना करते हुए न्यायालय में आख्या प्रेषित करने का आदेश बलुआ थानाध्यक्ष को दिया है।

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