बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता शफीक खान ने न्यायालय में प्रस्तुत किया तर्क
Young Writer, चंदौली। प्रभारी सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार-XI की अदालत ने मंगलवार को एनडीपीएस एक्ट से जुड़े मामले की सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने बचाव पक्ष के साथ ही अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं के तर्क को सुना। साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत अभियुक्त अवधेश राम की जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने अभियुक्त को पचास हजार रुपये के व्यक्तिगत बंधपत्र व समान राशि के दो प्रतिभू दाखिल करने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया है।
अभियोजन कथानक के अनुसार चकिया थाना प्रभारी अर्जुन सिंह पुलिस फोर्स के साथ गांधीनगर में संदिग्ध वाहनों व वस्तुओं की चेकिंग कर रहे थे। इसी बीच मुखबिर की सूचना पर लतीफ शाह-कौड़िहार रोड पर मोटरसाइकिल से आ रहे दो व्यक्तियों को टार्च क रोशनी से रोकने का इशारा किया तो वे बाइक की गति बढ़ाकर भागने लगे। जिन्हें पुलिस बल ने घेर कर पकड़ लिया। पुलिस के मुताबिक पूछताछ के बाद उनके पास से प्लास्टि की बोरी में से आठ बंडल गांजा बरामद किया, जिसे पकड़े गए अभियुक्तों ने वाराणसी बेचने की बात स्वीकार की। पुलिस को मौके से 16.20 किग्रा गांजा बरामद हुआ। उक्त मामले में न्यायालय में सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा अपराध गंभीर प्रकृति का होने का तर्क देकर जमानत याचिका को खारिज किए जाने पर बल दिया।
वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता शफीक खान ने तर्क प्रस्तुत करते हुए न्यायालय को बताया कि उक्त प्रकरण में एनडीपीएस एक्ट के प्राविधानों का पालन नहीं किया गया है जिस पुलिस क्षेत्राधिकारी के निर्देशन में जमा-तलाशी लेने की बात पुलिस की ओर से कही गयी है उनका हस्ताक्षर फर्द बरामदगी पर नहीं है। वहीं पुलिस द्वारा दर्शायी गयी गांजे की मात्रा वाणिज्यिक मात्रा से कम है। अभियुक्त जेल में है उनका कोई पूर्व का आपराधिक इतिहास नहीं है। प्रभारी सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार ने दोनों पक्षों के तर्क को सुनने व साक्ष्यों के अवलोकन के उपरांत अभियुक्त अवधेश राम की जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया है।

