Young Writer, चंदौली। कुष्ठ रोग के प्रति भेदभाव व भय का माहौल खत्म करने जिले में 30 जनवरी से शुरू हुए “स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर प्रपत्र के माध्यम से संदेश दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कुष्ठ रोग होने पर घबरायें नहीं उपचार करायें। यह अभियान 13 फरवरी तक चलेगा।यह जानकारी जिला कुष्ठ रोग नोडल अधिकारी डॉ. केएन सिंह ने दी।
इस दौरान डा.केएन सिंह ने बताया कि 23 जनवरी 2022 से चल रहे इस अभियान में अब तक 5 नये कुष्ठ रोगी खोजे गए हैं। कहा कि कुष्ठ रोग स्पर्श करने से नहीं फैलता है यह संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रपत्र संदेश अभियान द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ब्लॉक नियामताबाद के रहने वाले 55 वर्षीय मरीज ने बताया कि मेरे शरीर में उभरे हुए तांबे रंग के चकत्ते के साथ सुन्नपन था। दो फरवरी 2022 को घर में आए स्वास्थ्य विभाग के लोगों द्वारा मेरी निःशुल्क जांच और इलाज शुरू किया गया। जिला कुष्ठ पर्यवेक्षक अधिकारी डा.तपेश्वर राम ने कहा की चुप न रहें। घबराए नहीं, कुष्ठरोग एक बीमारी है जिसका इलाज कराएं। बहुत से लोग इस बीमारी का नाम सुन कर ही घबरा जाते है। इस बीमारी के विषय में बात नहीं करते है। रिश्तेदार, आस-पड़ोस को पता न चल जाए। इसलिए जांच व इलाज कराने से डरते है। डा.राम ने लोगों से यह अपील की है कि कुष्ठरोग के विषय में परिवार, दोस्त और आस-पास के लोगो से बात करें। कुष्ठरोग एक बीमारी है समय से इलाज पूरा कराने से मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाता है। कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए घर-घर जा प्रचार-प्रसार और यह संदेश के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है की कुष्ठ रोग स्पर्श करने अथवा छूने से नहीं फैलता है। कुष्ठ रोग पूर्व जन्म का पाप नहीं है, बल्कि यह संक्रमण की बीमारी है जो कि माइको बैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु से होती है, यह पूर्ण रूप से ठीक हो सकता है। स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए प्रपत्र, पोस्टर, पंपलेट बैनर सभी ब्लाकों पर आशा कार्यकर्ता कुष्ठरोग के लक्षण की पहचान की जानकारी दी जा रही है। जिसमें चमड़ी का वह भाग जिसमें सूजन व सुन्नपन हो, हाथ पैर की नसों में मोटापा, सूजन या झनझनाहट, शरीर पर गांठ और लाल रंग की सूजी हुई त्वचा, चेहरा, कान का निचला हिस्सा मोटा हो जाना व गांठ का पड़ जाना, पैर की उंगली में टेढ़ापन, हाथ व पैर से पूरी क्षमता से काम का ना होना, आंख बंद करने में परेशानी के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
बचाव-
चंदौली। घाव को साफ करके उसे साफ विसंक्रमित कपड़े से ढक कर रखना चाहिए। खुले घाव में कोरोना का संक्रमण आसानी से अपना प्रभाव दिखा सकता है। ऐसे रोगियों को कुछ समय के अंतराल पर घाव पर ढके कपड़े को साबुन और गर्म पानी से धोकर धूप में सुखाना चाहिए। कुष्ठ रोग से बचाव के लिए चोट से बचें और घाव को साफ रखें। कुष्ठ रोग को फैलने से रोकने व निदान के लिए जल्द से जल्द चिकित्सक की निगरानी में रहा कर पूर्ण इलाज करना चाहिए।