Young Writer, चंदौली। मानसिक रोग के उपचार के लिए मरीजों और उनके तीमारदारों को अब भटकने की जरूरत नहीं है। उन्हें जिला अस्पताल के “मन कक्ष” के ओपीडी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी नि:शुल्क शिविर का आयोजन कर उपचार की सुविधा दी जा रही है। इस बाबत जिला मानसिक स्वास्थ्य अधिकारी डा. हेमंत कुमार ने बताया कि तनाव, अवसाद व अन्य कारणों से मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ी हैद्य इसे देखते हुए मनोरोग का समय से बेहतर उपचार कि व्यवस्था सुनिश्चित कि गई है। कहा कि तनाव, अवसाद एवं मानसिक रोगों से पीड़ित व्यक्ति “मन कक्ष” में बेझिक आयें और समस्या बताकर अपना निरूशुल्क उपचार कराए।
जिला मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ के मनोचिकित्सक डा. नितेश कुमार सिंह ने बताया कि (श्रुति कुमारी) को आरपीएससी कंप्रेसिव रोग(ओसीडी) से ग्रसित रही, जिसमें इस प्रकार की उपयुक्त लक्षण लगभग एक प्रतिशत लोगों में पाया जाता है। बताया कि मरीज श्रुति कुमारी के परिजनों को मनोवैज्ञानिक द्वारा बीमारी के संबंध में काउंसलिंग की गई। मरीज के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया जाए, यह बात परिवार वालों को बताया गया। साथ ही प्रत्येक 15 दिन के बाद मरीज को नियमित रूप से काउंसलिंग एवं दवाइयां दी गई। धीरे-धीरे दो से तीन माह के भीतर मरीज में सुधार दिखने लगा, आज मरीज एवं उनके परिवार वाले सभी खुश है। डा.नितेश कुमार सिंह ने बताया की (तुलसी) को मानसिक विभाग में उसकी सारी जांच एवं उपचार शुरू किया गया। फिर धीरे-धीरे उसके हालत में सुधार होने लगा एवं उसकी स्थिति पहले जैसी होने लगी और वह फिर से स्कूल जाने लगी है। तुलसी नियमित रूप से मन कक्ष में आकर दवाई एवं काउंसलिंग करा रही है। अब पहले से बेहतर महसूस कर रही है।
क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट अजय कुमार ने बताया कि विगत 6 माह में जिले में देखे गए मानसिक रोगियों की संख्या लगभग 2500 है। तनाव, अवसाद एवं नशे की लत से होने वाली समस्या किसी भी लक्षण से ग्रसित व्यक्ति को हो सकती है। इन्हें छिपाएं नहीं बल्कि इसका पूर्ण इलाज कराये, इन सभी बीमारियों से ठीक हुआ जा सकता हैं। जिला अस्पताल में मानसिक ओपीडी सप्ताह में दिन सोमवार, बुधवार, शुक्रवार (मन कक्ष कमरा नंबर 40) सुविधा दी जाती है। साथ ही नियमित रूप से मन कक्ष हेल्पलाइन नंबर 7565802028 पर संपर्क कर काउंसलिंग एवं दवाइयों कि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।