ग्रामीणों के हंगामे व विरोध के बाद बीएसए ने शिक्षकों ने की कार्यवाही
Young Writer, इलिया। अर्जी कला के ग्रामीणों का प्रतिकार गुरुवार को रंग लाया। प्राथमिक विद्यालय अर्जी कला पर तैनात शिक्षकों की लम्बी गैरहाजिरी की जन शिकायत को बीएसए सत्येंद्र कुमार सिंह ने संज्ञान लिया और आरोपों के आलोक में प्राथमिक विद्यालय अर्जी कला के प्रधानाध्यापक चंद्रशेखर सिंह व सहायक अध्यापक शिखर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दोनों शिक्षकों के निलंबन की कार्रवाई के बाद क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों में हड़कंप की स्थिति मची है।
विदित हो कि प्रधानाध्यापक चंद्रशेखर सिंह तथा सहायक अध्यापक शिखर सिंह पर पिछले कई वर्षों से विद्यालय से गायब रहने का आरोप था। ग्रामीणों द्वारा बुधवार को विद्यालय से दोनों शिक्षकों के गायब रहने पर नाराजगी जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया और प्रकरण से जिला बेसिक शिक्षाधिकारी तथा बीईओ शहाबगंज को मोबाइल फोन द्वारा सूचना दी और मौके पर आने की मांग की। जिस पर मौके पर पहुंचे बीईओ अजय कुमार का ग्रामीणों ने घेराव कर हंगामा मचा दिया। कहा कि 7 वर्षों से प्रधानाध्यापक चंद्रशेखर सिंह तथा कई वर्षों से सहायक अध्यापक शिखर सिंह विद्यालय में नहीं आते हैं। इसके अलावा विद्यालय से शिक्षक पंजिका रजिस्टर भी गायब मिला तथा छात्र उपस्थिति पंजिका रजिस्टर पर भी 1 अगस्त से 10 अगस्त तक बच्चों की उपस्थिति दर्ज नहीं की गई थी। जबकि एमडीएम पर उपस्थिति दिखाई गई थी। मौके पर पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी की जांच में आरोप सही पाए गए और प्रधानाध्यापक सहित दोनों शिक्षक बिना सूचना के 16 जुलाई के बाद से लगातार गायब रहे तथा उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर खाली पाया गया। जिस पर उन्होंने ग्रामीणों को दो दिनों के अंदर निलंबन की कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया। लेकिन ग्रामीण नहीं माने और निलंबन की कार्रवाई पूरी होने तक कार्यालय पर तालाबंदी कर दिया। जिसके कारण गुरुवार को भी विद्यालय के कार्यालय पर ताला लटका रहा और पठन-पाठन ठप रहा। इधर, बीईओ अजय कुमार ने जांच आख्या जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपा। जिस पर उन्होंने बिना सूचना के 16 जुलाई से गायब रहने, अनुशासनहीनता, शैक्षिक कार्य में रुचि ना लेने, शिक्षक आचरण सेवा नियमों का घोर उल्लंघन करने के आरोप में प्रधानाध्यापक चंद्रशेखर सिंह तथा सहायक अध्यापक शिखर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। तथा खंड शिक्षा अधिकारी को आरोपी के विरुद्ध तैयार आरोप पत्र पर एक माह के अंदर आख्या प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।

