चंदौली। जनपद का सैयदराजा विधानसभा राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का अखाड़ा बन चुका है। यह स्पर्धा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू व सैयदराजा के वर्तमान विधायक सुशील सिंह के बीच है। देखा जाए तो इस द्वंद व राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का आगाज ठीक-ठीक कब हुआ, उसके बारे में सटिक कुछ भी नहीं कहा जा सकता? लेकिन राजनीति में रुचि रखने वाले क्षेत्रीय लोगों की माने तो शहीद कुलदीप कुमार मौर्य की शहादत के बाद उनके अंतिम विदाई की बेला में सैयदराजा के विधायक व पूर्व विधायक आमने-सामने आ गए थे, तभी से एक-दूसरे को पीछे छोड़ने के इस राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का आगाज हुआ। हालांकि यह पहला अवसर था जब जनपद समेत समूचे प्रदेश ने सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू के आक्रोश को जाना, देखा और उससे मुखातिब हुए।
खैर! मामला चाहे जो भी रहा हो सत्ताधारी दल भाजपा के विधायक सुशील सिंह व विपक्ष के नेता मनोज सिंह डब्लू के इस द्वंद का लाभ सैयदराजा विधानसभा की जनता को इस वक्त भरपूर मिल रहा है। इन नेताओं द्वारा लोगों तक मदद पहुंचाने की होड़ मची है, बिगड़े काम को ठीक करने के लिए यह एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। वहीं विकास के मुद्दों पर भी मुखर होकर दोनों नेताओं की ओर से प्रयास हो रहे हैं। यह इस राजनीतिक लड़ाई का सकारात्मक पहलू है, जिसे देखा जाना चाहिए।
बाढ़ पीड़ितों की मदद में मशगूल हैं दोनों नेता
फिलहाल दोनों नेता इस वक्त सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र के गंगा के तटीय इलाकों में आयी बाढ़ में फंसी जनता की खिदमत पूरी शिद्दत के साथ कर रहे हैं। हालांकि इसका आगाज सपा नेता मनोज सिंह डब्लू की ओर से की गयी। जैसा कि वहां की स्थानीय जनता कह रही है उन्होंने भूखी जनता के बीच सूखा राशन व उसे बनाने का पूरा प्रबंध सौंपा तो सैयदराजा विधायक सुशील सिंह भी जनता की मदद के लिए आगे आए। उन्होंने शुक्रवार को बाढ़ पीड़ितों में न केवल राशन बांटा, बल्कि लंच पैकेट का वितरण भी बाढ़ग्रस्त इलाके में करते नजर आए। वह सत्तासीन दल के विधायक हैं लिहाजा उनके साथ पूरा प्रशासनिक तंत्र भी गरीबों व बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में लगा रहा। दूसरी ओर सपा नेता मनोज सिंह डब्लू लगातार बाढ़ग्रस्त इलाके के दौरे पर रहे। उन्होंने जहां सम्पर्क हो सका। सड़क मार्ग से बाढ़ पीड़ितों तक मदद पहुंचायी और जो इलाके पानी में डूब चुके थे वहां उन्होंने नाव के जरिए अपनी पहुंच उन तक बनाए रखा। फिलहाल सत्ता से दूर होने के बाद भी मनोज सिंह डब्लू के मदद भाव व उनके प्रयासों में कहीं कोई कमी अब तक नहीं दिखी। वहीं सैयदराजा विधायक सुशील सिंह भी उनको टक्कर देते नजर आए रहे हैं।
पहले भी दिखा दोनों नेताओं में प्रतिद्वंद
यह पहला अवसर नहीं था जब सैयदराजा के विधायक व पूर्व विधायक जनता की नजरों में खुद को बेहतर राजनेता साबित करने की जद्दोजहद कर रहे हैं। इसके पूर्व भी दोनों नेता जन समस्याओं के मुद्दे पर एक-दूसरे को पछाड़ने की कोशिश कर चुके हैं। हाल-फिलहाल जून माह के पहले पखवारे के आखिर में नरायनपुर पम्प कैनाल के संचालन को लेकर पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने बिगुल फूंका तो उसकी शंखनाद से सैयदराजा के विधायक सुशील सिंह की चेतना जागी और उन्होंने नरायनपुर पम्प कैनाल का दौरा कर समस्या को जाना और उसे दूर करने के लिए जिम्मेदार अफसरों को हिदायतें भी दी। हालांकि मनोज सिंह डब्लू पहले ही नरायनपुर पम्प कैनाल का दौरा कर चुके थे तो उन्होंने अपने अंदाज में यह चेताया था कि यदि तय समय के अंदर यदि पम्प कैनाल नहीं चले तो आर-पार की लड़ाई होगी, क्योंकि मामला किसानों के सिंचाई से जुड़ा है। नतीजा यह रहा कि दोनों नेताओं ने ऐसी जोर आजमाइश की कि पम्प कैनाल अफसरों द्वारा कहे गए तय समय से थोड़ा विलंब करके संचालित कर दी गयी।
क्रय केन्द्रों पर किसानों को मिली बड़ी मदद
इसी तरफ धानापुर कस्बे में बिजली की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने मनोज सिंह डब्लू से निवारण की गुहार लगाई तो वे मौके पर पहुंचे और मौके से ही बिजली विभाग की कलई खोलनी शुरू की और कस्बावासियों के ट्रांसफार्मर लगाने की मांग पूरा करने की चेतावनी दी। इसके बाद उन्होंने अपने ही अंजाम में सैयदराजा विधायक पर भी जमकर निशाना साधा। कुछ दिनों में धानापुर कस्बे की यह समस्या भी इन दोनों नेताओं के राजनीतिक द्वंद्व के प्रभाव से काफी हद तक हल हो गया। इसी तरह गेहूं खरीद प्रकरण में भी इन नेताओं के एक-दूसरे से खुद को बेहतर साबित करने के लिए जो प्रयास हुए। इनकी सक्रियता से काफी किसानों को फायदा हुआ। विधायक ने जहां अपने सत्ता के प्रभाव से किसानों की मदद की। वहीं मनोज सिंह डब्लू के हनक के घर से क्रय केन्द्रों पर किसानों मदद मिलती गयी। कुछ किसानों ने तो मनोज सिंह डब्लू से मिलकर उनके इस सहयोग के लिए बकायदा आभार तक जताया। वहीं कहीं न कहीं सैयदराजा विधायक सुशील सिंह भी लोेगों की सराहना व वाहवाही के पात्र बने।
जनता के बीच कैसी है इन नेताओं की छवि
पहले बात सैयदराजा विधायक सुशील सिंह की करेंगे। जो काफी अनुशासित सतर्क व मझे-मझाए राजनेता की पहचान कब की स्थापित कर चुके हैं। उनके बारे में राजनीतिक पंडित यह दावा करते हैं कि सुशील सिंह किसी भी दल से किसी भी विधानसभा से चुनाव लड़कर नतीजे को जीत में तब्दील करने की ताकत रखते हैं। लेकिन आज भी लोगों के जेहन से इनकी बाहुबली वाली छवि कायम है। इसके पीछे कई वजहें हो सकती है? राजनीतिक पंडित इसके पीछे अपना-अपना नजरिया रखते हैं। इसके बाद भी इनका राजनीतिक कैरियर काफी सधा-सधाया और अनुशासित रहा है।
सपा के राष्ट्रीय सचिव व सैयदराजा पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू के व्यक्तित्व की बात करें तो इन्हें सैयदराजा ही नहीं, बल्कि समूचे जनपद के लोग नेता नहीं बल्कि अपना हमदर्द मानते हैं। इनका सादगी भरा जीवन लोगों को इनसे जोड़ने को विवश कर देता है। सपा से राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले मनोज डब्लू समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के साथ-साथ बृजेश सिंह जैसी शख्सियत को मात देकर चुनाव जीते। लिहाजा इनकी जीत कई मायनों में बड़ी थी। बावजूद इसके वह हमेशा से अपनी मिट्टी व जमीन से जुड़े रहे। यही वजह रहा कि लोगों से प्यार के साथ-साथ कई अवसरों पर इन्हें तिरस्कार भी मिला। बावजूद इसके मनोज डब्लू का स्वभाव तटस्थ रहा है। लोगों की माने तो अपने कृत्य व प्रयासों से यह धीरे-धीरे मानवता की सेवा के प्रतीक बनते जा रहे है। लेकिन आज भी सपा के राष्ट्रीय सचिव को राजनीतिक पंडित एक अपरिपक्व नेता मानते हैं। उनका मानना है कि मनोज एक अच्छे नेक दिल इंसान जरूर है, लेकिन एक अच्छे नेता का गुण धारण करने में वह अभी काफी पीछे हैं।