चंदौली। सावधान! यदि आप चंदौली नगर और आसपास के इलाके में निवासरत या कार्यरत हैं तो सतर्क हो जाइए। आप कभी भी आनलाइन धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। साथ ही आपके बैंक खाते में पड़ी पूरी की पूरी जमापूंजी साफ हो सकती है। जी हां! यह कोई हवाहवाई बातें नहीं, बल्कि वर्तमान में आनलाइन फ्राड के हो रहे ताबड़तोड़ वारदात को देखकर आसानी लगाई जा रही है। अब फ्राड के लिए ओटीपी की भी जरूरत नहीं है। साइबर सेल की माने तो फ्राड करने वाले हाईटेक उपकरणों के इस्तेमाल से एटीएम तक की क्लोनिंग कर ले रहे हैं। धड़ाधड़ हो रहे फ्राड के वारदात ये सोचने पर विवश कर रहे हैं कि कहीं न कहीं चंदौली जिला मुख्यालय व उसके आसपास के इलाकों में आनलाइन फ्राड करने वाले गिरोह के सदस्य सक्रिय है जो आम लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। केस-1 प्रांजल सिंह ने इलाहाबाद बैंक चंदौली द्वारा जारी रूपे एटीएम का इस्तेमाल बीते 22 जुलाई को मोबाइल की दुकान पर किया था। इस दौरान उनके एटीएम का डाटा आनलाइन फ्राड करने वालों के हाथ लग गया। इसके बाद हैकरों ने 23, 25 व 26 जुलाई को क्रमबद्ध तरीके से प्रांजल के खाते से करीब 90 हजार रुपये निकाल लिए। मामले की 28 जुलाई को हुई तो प्रांजल अपनी शिकायत बैंक स्टेटमेंट के साथ साइबर सेल चंदौली के पास गए। वहां उन्होंने अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए खाते से निकाले गए धन को वापस दिलाने की गुजारिश की।केस-2 चंदौली नगर के वार्ड नंबर 12 राजीव नगर निवासी त्रिलोकी जायसवाल का एटीएम चंदौली मार्केट में 10 अगस्त की रात गिर गया। उनके स्टेट बैंक के वीजा एटीएम का डाटा किसी तरह आनलाइन फ्राड करने वालों के हाथ लगा। इसके बाद बिना नकी जानकारी व अनुमति के हैकरों ने एक ही दिन में कई बार 70450 रुपये आहरित कर उसे अपने किसी यूपीआई एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। ऐसे में त्रिलोकी को जब उसकी जानकारी मिली तो उसके होश उड़ गए। वह तुरंत भागा-भागा पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अपनी कमाई गंवाने की शिकायत दर्ज करायी। इन दोनों प्रकरणों के संज्ञान के आने के बाद इस बात को काफी हद तक बल मिलता है कि चंदौली आनलाइन फ्राड करने वालों के लिए केंद्र बिंदू बनता जा रहा है। इसके लिए पुराने परम्परागत तरीकों के साथ ही आनलाइन फ्राड के नए तरीके इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं। साइबर सेल के सूत्रों के मुताबिक आज तक एटीएम क्लोनिंग की वारदातें तेजी से बढ़ी हैं, जिसमें किसी आधुनिक डिवाइज के जरिए फ्राड करने वाला गिरोह एटीएम की सारी जानकारी चुरा लेते हैं और उसे किसी दूसरे एटीएम में ट्रांसफर करके खाते में मौजूद धन की निकासी कर लेते हैं। इसके लिए उन्हें किसी तरह के ओटीपी या पासवर्ड की आवश्यकता नहीं पड़ती। ….क्या कहते हैं अफसरएएसपी दयाराम सरोज का कहना है कि आनलाइन फ्राड को देखते हुए लोगों को एटीएम व यूपीआई आदि का इस्तेमाल बेहद सतर्क व सुरक्षित तरीके से करने की जरूरत है। पुलिस महकमा लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है। हालिया घटनाओं के मद्देनजर साइबर सेल की टीम का गठन किया गया है जो आनलाइन फ्राड संबंधित सभी मामलों को मानिटर कर रही है। हमारा प्रयास है कि लोगों से फ्राड की गई धनराशि उन्हें वापस दिलाई जाय।