चंदौली। अफगानिस्तान में तख्तापलट के बाद फैली अराजकता में भारत के लोग भी फंसे हुए हैं। ऐसे परिवार के लोग अपने लोगों की सुरक्षा व सलामती को लेकर फिक्रमंद हैं और सरकार से उनकी सकुशल देश वापसी की मांग कर रहे हें।
चंदौली जिले के अमोघपुर गांव निवासी सूरज चैहान भी काबूल की अराजकता में फंसे हुए हैं, जो जनवरी में ही वेल्डर के तौर पर कार्य करने के लिए कबूल गए थे। सूरज चैहान के लिए परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है परिजन सरकार से गुहार लगायी कि सूरज को अफगानिस्तान से सुरक्षित वापस लाया जाय। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान लड़ाई के बीच चारों तरफ अफरातफरी और अराजकता का माहौल है। लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं और सुरक्षित ठिकाने पर जाने के लिए इधर उधर भटक रहे हैं। सबसे बुरा हाल दूसरे देश से अफगानिस्तान में काम करने गए लोगों का है ।उत्तर प्रदेश के कुल 17 लोग अफगानिस्तान के काबुल के एक कारखाने में फंसे हुए हैं ।इन्हीं में चंदौली जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील के अमोघपुर गांव के सूरज चैहान भी फंसे हुए हैं। उनका मालिक भी वहां से फरार हो चुका है। हालांकि परिजन सूरज के संपर्क में है और वीडियो कॉल के माध्यम से सूरत से बात भी हो रही है। लेकिन परिजनों को डर सता रहा है और वह सूरज की सुरक्षित वापसी की सरकार से मांग कर रहे हैं ।सूरज के पिता बुधिराम जो कि लकवे की बीमारी से ग्रस्त हैं। बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए रो-रोकर के बुरा हाल है वहीं उसकी पत्नी इस सदमे उबर नहीं पा रही है। सूरज की शादी 2014 में वाराणसी के हरहुआ गांव में रेखा चैहान से हुई थी। सूरज का तीन साल का बेटा है। फिलहाल सूरज की सलामती के लिए प्रार्थनाओं का दौर जारी है। ऐसे में सरकार की गतिविधियों पर परिजनों की उम्मीदें टिकी है।