बसपा प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में बोले सतीश मिश्रा, कहा-भाजपा भी ब्राह्मणों का कर रही उत्पीड़न
बलिया। मिशन 2022 में परचम लहराने को बेताब बसपा ब्राम्हणों को साधने में जुटी है. बलिया में शुक्रवार को प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी आयोजित की. बड़ी संख्या में जुटे ब्राह्मणों को मुख्य अतिथि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने संदेश दिया कि उनका हितैषी बसपा ही है. उन्होंने सपा और भाजपा पर समान रूप से हमलावर रुख अपनाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ब्राह्मणों का उत्पीड़न करने में सपा की नकल कर रही है
उन्होंने अमर शहीद मंगल पांडेय को नमन करते हुए कहा कि बलिया क्रांति की धरती है. मुझे उम्मीद है कि यहां के लोग यूपी में ब्राह्मण और दलितों का उत्पीड़न करने वालों को सबक सिखाएंगे। ब्राह्मण समाज का कोई व्यक्ति मारा जाता है तो यह सरकार अपनी पीठ थपथपाती है। इसलिए ऐसे लोगों को हटाकर मायावती को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनाएं। इनका हिसाब मायावती ही ले सकती हैं।
उन्होंने कहा कि कमलेश तिवारी को मरवा दिया गया। क्योंकि वे ब्राह्मण समाज के लोगों की आवाज उठाते थे। किस तरीके से रायबरेली में पांच युवा ब्राह्मणों को मारा गया और जला दिया गया इस सरकार के मंत्री कहते हैं कि ये ब्राह्मण समाज के अपराधी हैं। इसके बाद गोरखपुर और लखनऊ में अधिवक्ता को मारा गया। बिकरू कांड में जिनका विकास दूबे से कोई लेना देना नहीं था, उन्हें भी मारा गया। कानपुर के मामले में आधा दर्जन ब्राह्मण मारे गए। सत्रह साल के लड़के को मार दिया गया। कहां कहां से उठाकर लाकर मारा गया। इस मामले में सौ ब्राह्मणों को नामजद किया गया। पचास से ज्यादा ब्राह्मण समाज के लोग जेल में हैं।
उन्होंने बिकरु कांड का उल्लेख करते हुए कहा कि कानपुर कांड में खुशी दूबे का क्या दोष था ? उठा ले गए। जेल में डाल दिया गया। लखनऊ से आदेश हुआ कि खुशी दूबे को पेरोल नहीं मिलना चाहिए। जबकि वह कोरोना से बीमार थी। उसकी बेल खारिज करा दी गई। यही नहीं लखनऊ में विनय तिवारी की गाड़ी रोक कर अधिकारी ने सीने में गोली मार दी गई। मिर्जापुर में ब्राह्मण समाज के नाबालिग बच्चों को मार दिया गया। सीबीआई जांच भी नहीं कराई गई। कहा कि पूरे यूपी में ये ब्राह्मण समाज पर हमलावर हैं।
ब्राह्मण सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा की सोलह प्रतिशत ब्राह्मण जिसे चाहेंगे उसी की सरकार बनेगी। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्र ने ब्राह्मणों से न बंटने की अपील की। कहा कि यूपी में सोलह प्रतिशत ब्राह्मण हैं। ब्राह्मण एक हों तो सरकार बना सकते हैं। सतीश मिश्र ने बसपा के 2007 से 2012 के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जिसकी जितनी संख्या भारी की जगह जिसकी जितनी तैयारी, उतनी हिस्सेदारी के नारे पर मायावती ने बल देकर 2007 में सरकार बनाई थी। कहा कि बसपा के 23 प्रतिशत वोट के साथ 16 प्रतिशत ब्राह्मणों का वोट, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ा को मिलाकर चालीस प्रतिशत से ऊपर वोट के साथ सरकार बनाई थी। जिसके बाद सरकार में सबको उसका हक दिया था.