सपा पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष डा. विरेन्द्र बिंद को रक्षा–सूत्र बांधती सफिया खातून
चंदौली। प्रेम पावन हो तो वह मान्यताओं, रूढ़ियों व धर्म के बंधन से बाहर निकल अपनी एक अलग मिसाल पेश करता है। भाई-बहन के बीच प्रेम की प्रगाढ़ता कुछ ऐसी ही होती है जिसे जाति या धार्मिक नजरिए से नहीं देखा जा सकता। इसे देखने के लिए मानवीय दृष्टिकोण होना आवश्यक है। ऐसी ही नजीरें रक्षाबंधन पर्व पर चंदौली जनपद के कई हिस्सों में देखने को मिली। जहां धर्म से इतर लोग इस प्रेम की प्रगाढ़ता को सशक्त करते नजर आए।
पहला दृश्य अलीनगर क्षेत्र का है। यहां निवासरत शाफिया खातून पिछले 22 वर्ष से सपा नेता व जनसहयोग अस्पताल के संचालक डा. विरेंद्र बिंद को राखी बांधती चली आ रही है। रविवार को हर बार की तरह इस बार भी वह अपने भाई डा. विरेंद्र बिंद की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी सलामती के साथ-साथ दीर्घायु होने की दुआ की, ताकि उनकी सुरक्षा का वचन कायम रहे। वहीं डा. विरेंद्र बिंद भी दो दशक से शाफिया खातून को अपनी बहन मानकर अपने हिस्से का दायित्व पूरी शिद्दत के साथ निभाते चले आ रहे हैं। भाई-बहन के बीच प्रेम का यह संदेश एक मिसाल है, जो लोगों को मानवता का संदेश देती है।
रामसिंह चौहान को रक्षासूत्र बांधती जरीनाा खातून।
दूसरा दृश्य चंदौली जिला मुख्यालय से सटे नेगुरा गांव का है। गांव निवासी सपा नेता राम सिंह चैहान को जरीना खातून पिछले 40 सालों से राखी बांध रही हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं वही राम सिंह चैहान भी भाई होने का फर्ज बखूबी निभाते हैं हमेशा खुशी और दुख में अपने बहन जरीना खातून का मदद करते हैं और हर साल उनको उपहार भेंट करते हैं। राम सिंह चैहान बताते हैं कि रक्षाबंधन पर सुबह बहन जरीना खातून के घर जाता हूं और पूरे रीति रिवाज से बहन जरीना खातून हमें राखी बांधती है और आरती करके मुझे प्रसाद भी खिलाती है तत्पश्चात मैं उसको उपहार भेंट कर उसको आशीर्वाद देता हूं और उसकी सुख दुख में हमेशा साथ देने का वचन देता हूं।
![](https://youngwriter.in/wp-content/uploads/2021/08/IMG-20210822-WA0019-1-1024x462.jpg)
![](https://youngwriter.in/wp-content/uploads/2021/08/IMG-20210822-WA0019-1-1024x462.jpg)
चंदौली नगर के राजीव नगर वार्ड नंबर 13 निवासी स्काउट गाइड गाइड संस्था के जिला संगठन आयुक्त (स्काउट) सैयद अली अंसारी घर पहुंच निर्मला ने राखी बांधी। जहा आज समाज मे जात पात भेदभाव नस्ल एवं गंदी राजनीति का शिकार होकर लोग एक दूसरे को नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं।वहीं दूसरी तरफ रक्षाबंधन के पावन पर्व पर लगातार कई वर्षों से रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सैयद अली अंसारी एवं उनके भाइयों को रक्षाबंधन को बांधती है! ठीक उसी प्रकार बहनों के सम्मान में वें और उनके सभी भाई उन बहनो को उपहार के साथ-साथ सदैव रक्षा हेतु तैयार रहते हैं। ये गंगा जमुनी तहजीब देखने लायक रही।इस अवसर पर सैयद अली अंसारी ने कहा कि यह परंपरा मेरे बड़े भाई मोहम्मद उमर के जन्म के समय से चली आ रही है। बचपन में बड़े भाई की तबीयत ठीक नहीं थी ग्रामीण परंपरा के अनुसार बड़े भाई को स्वर्गीय राम जी गोंड के यहां बेंच दिया गया।जिससे की उनके भाई हमेशा के लिए ठीक हो गए और बहनो ने इन सभी भाइयों को अपने छोटे भाइयों के रूप में स्वीकार किया तब से यह परंपरा चली आ रही है।