अमोघपुर में सूरज चौहान की सलामती जानते भाजपा नेता राणा प्रताप सिंह।
चंदौली। अफगानिस्तान में तख्ता पलट के बाद फंसे भारतीयों की सकुशल वतन वापसी शुरू हो गयी है। इसी क्रम में चन्दौली जनपद के अमोघपुर निवासी के सूरज चौहान सोमवार को घर वापस लौट आए। उन्हें अपने बीच पाकर पूरा परिवार खुशी से झूम उठा। यह दिन परिवार के लिए किसी होली–दीवाली से कम नहीं था। इस दौरान सूरज की हाल जानने के लिए ग्रामीणों का तांता लगा रह।
विदित हो कि इन दिनों अफगानिस्तान में तख्ता पलट से अराजकता व सत्ता का संकट पैदा हो गया है। ऐसे बिगड़े हालात के बीच फंसे सूरज चौहान की सकुशल घर वापसी हो गई है. सोमवार की सुबह लगभग तीन बजे सूरज घर पहुँचे. सूरज के घर मे पहुँचते ही जश्न का महौल है. घर कर के लोग एक-दूसरे मिठाई खिलाकर अपनी खुशी का इजहार किया। सूरज के घर आस-पास के लोग पहुँच कर सूरज के सकुशल वापसी की बधाई और शुभकामनाएं दीं। सूरज ने बताया कि काबुल में जहां वो फंसे हुए थे। वहां भारत के कुल 17 लोग फंसे थे‚ जिसमें कुल 14 लोग यूपी के रहने वाले थे। सूरज के साथ यूपी के सभी लोगों की घर वापसी हो गई है. वहीं अगर अफगानिस्तान की बात की जाए तो सूरज उस मंजर को याद नहीं करना चाहते. उनका कहना है कि जो मंजर अफगानिस्तान का था जो हमने भयावह स्थिति देखी है. आजतक नहीं देखी थी. दुआ करता हूँ कि ऐसी स्थिति में कभी कोई न फंसे। सूरज ने बताया कि भारतीय एम्बेसी के वापस जाने के बाद उनलोगों को और भी डर लगने लगा. उन्हें यह लगने लगा कि अब शायद वतन वापसी नहीं होगी।
वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार पर भरोसा था. सुरज भरोसे को सरकार ने टूटने नहीं दिया और उनकी सकुशल घर वापसी कराई. सूरज और उनके परिजनों ने सरकार का आभार व्यक्त किया। अफगानिस्तान से वापसी के बाद सूरज ने बताया कि अब कभी भी वो अफगानिस्तान नहीं जाना चाहेंगे. जब उनसे अफगानिस्तान के कारण के बारे में बात की गई तो सूरज ने बताया की लॉक डाउन के कारण उनकी नौकरी चली गई. परिवार का भरण पोषण करने के लिए सूरज को नौकरी की जरूरत थी। जिसके लिए सूरज अफगानिस्तान गए थे। उन्होंने बताया कि अगर हमें यहीं रोजगार मिल जाता तो वो विदेश नहीं जाते।