चकिया नगर पंचायत लगातार वसूल रहा गृहकर और जलकर
चकिया। नगर पंचायत चकिया में अतिक्रमण पर एसडीएम के कड़े रुख और ताबड़तोड़ कार्यवाही चर्चाओं का बाजार गर्म है। नगर के वार्ड नंबर 5, निर्भयदास स्थित सरैया ताल की सात बीघा जमीन पर अवैध अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एसडीएम की कार्रवाई पर भी नगर के लोगों में दो राय है, कोई इस कार्रवाई को सहीं तो कोई गलत ठहरा है।
बहरहाल, नगर में एक और मुद्दों को लेकर लोगों के बीच खूब चर्चा हो रही है। सवाल यह है कि यदि भूमि सरकारी थी तो उसकी खतौनी किसने जारी की? क्या उन राजस्व कर्मियों के खिलाफ पर कार्यवाही होगी, जिन्होंने उक्त भूमि की खतौनी जारी की। साथ ही नगर पंचायत में तैनात उन तमाम जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रशासन एक्शन लेगा, जिन्होंने सरकारी जमीन पर नक्शा स्वीकृत कर उसे जारी किया। लोग बताते हैं कि उक्त भूमि पर निवासरत लोगों से गृहकर और जलकर वसूला जा रहा है। इस पूरे प्रकरण पर गौर करेंगे तो राजस्व विभाग और नगर पंचायत को कटघड़े में खड़ा पाएंगे। क्योंकि अगर उक्त भूमि सरकारी थी तो राजस्व विभाग ने किस आधार पर जमीन की खतौनी जारी की और नगर पंचायत ने नक्शा कैसे पास किया? इन सभी मुद्दों पर को अलग भी कर दिया जाये फिर भी यह सवाल खड़ा होता है कि अगर भूमि सरकारी थी तो किसने और कैसे सरकारी भूमि 28 लोगों को विक्रय किया। यह सभी ऐसे प्रश्न है जो नगर का हर एक व्यक्ति जानना चाहता है। एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने अवैध अतिक्रमण को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है और उनका कहना है कि हर हाल में उक्त भूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया जायेगा।
इनसेट—
1420 व 1425 फसली में बदली थी नवैयत
चकिया। वार्ड नम्बर 5 में 1347 फसली बंदोबस्त के जमीन 12 जलमग्न भूमि ताल के नाम से खाता संख्या 183 गाटा संख्या 547 रकबा 1.391 हेक्टेयर व खाता संख्या 190 आराजी नंबर 545, रकबा 0.986 हेक्टेयर बांध अंकित है तथा खतौनी फसली 1420 से 1425 के खाता संख्या 114 पर श्रेणी-1क संक्रमणीय भूमिधरी के रूप में खातेदार पार्वती, लाची, कलावती के नाम दर्ज था, इन्हीं लोगों द्वारा बतौर बैनामा 26 लोगों बेचा गया, जिसके बाबत न्यायालय एसडीएम चकिया के वाद संख्या टी201314182186 आदेश तिथि 6.4.2018 द्वारा उपरोक्त आराजियात संक्रमणीय भूमिधरी से खारिज करके ताल व बांध दर्ज किया गया जो वर्तमान खतौनी 1426-1431 फसली के खाता संख्या-127 आराजी नंबर-547 व 545/2 पर ताल व बांध के रूप मे दर्ज है। जिस पर अवैध तरीके से लगभग 28 लोग काबिज हैं एवं नगर पंचायत को इस जमीन को सार्वजनिक प्रयोजन में लाने में अवरोध उत्पन्न करते रहे हैं।