26.8 C
New York
Saturday, July 27, 2024

Buy now

गिरफ्तार पत्रकार के रिहाई की मुहिम हुई तेज

- Advertisement -

चकिया में एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा को ज्ञापन सौंपते पत्रकार।

चंदौली। जेल में निरूद्ध चकिया के पत्रकार की रिहाई की मुहिम गुरुवार को गति पकड़ती नजर आयी। इस दौरान चकिया के साथ-साथ चंदौली जिला मुख्यालय पर पत्रकार चकिया विधायक के दमनकारी सोच के खिलाफ लामबंद नजर आए। चेताया कि यदि पत्रकार कार्तिकेय पांडेय की रिहाई जल्द नहीं हुई और उस पर लगे फर्जी मुकदमें को नहीं वापस लिया गया तो चंदौली के पत्रकार बड़ा आंदोलन करेंगे। आरोप लगाया कि इस प्रकरण में पुलिस की कार्य प्रणाली भी संदिग्ध दिख रही है। सत्ता पक्ष के दबाव में आकर पत्रकार पर मामला दर्ज किया गया है।

इसी क्रम में बिछियां धरनास्थल पर पत्रकारों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से गुस्साए मीडिया कर्मियों ने धरना-प्रदर्शन किया। साथ ही गिरफ्तार पत्रकार कार्तिकेय पांडेय की जल्द से जल्द रिहाई व मुकदमें को वापस लेने की मांग की। इस दौरान विधायक चकिया पर सत्ता के दुरूपयोग का आरोप लगाया। साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। इस दौरान बसपा नेता अशोक त्रिपाठी छोटू ने धरने को समर्थन दिया। साथ ही पत्रकारों के ऊपर दर्ज मुकदमे को वापस लिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि चकिया विधायक को जनहित के कार्यों में मशगूल होना चाहिए, लेकिन जनता व पत्रकारों की आवाज दबाने का काम कर रहे हैं। उनकी यह दमनकारी सोच अब ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रहेगी। अंत में पत्रकारों ने एसडीएम सदर संजीव कुमार को पत्रक देकर न्यायोचित कार्यवाही किए जाने की मांग की। इस अवसर पर अमित द्विवेदी, सुजीत, चंदन, रवि, मुरली श्याम आदि उपस्थित रहे।


चकिया। प्रकाशित खबर से नाराज विधायक शारदा प्रसाद द्वारा दो पत्रकारों के विरुद्ध एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज कराये गए मुकदमे से स्थानीय मीडिया कर्मी गुरुवार को आक्रोशित नजर आए। पत्रकारों ने गुरुवार को नगर के गांधी पार्क में एक दिवसीय धरना दिया और एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा को पत्रक सौंपा। इस दौरान पत्रकारों ने आरोप लगाया कि विधायक द्वारा जान-बूझकर बिना किसी गलती के चकिया के पत्रकार कार्तिकेय पांडेय और चन्दौली के पत्रकार रोहित तिवारी के ऊपर कोतवाली पुलिस से दबाव बनाकर उनके विरुद्ध एससी/एसटी एक्ट और मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही कार्तिकेय पांडेय को जेल भेजवा दिया गया है, जो न्याय संगत नहीं है। पत्रकारों ने चेताया कि 24 घंटे के अंदर विधायक द्वारा मुकदमा वापस नहीं लिया जाता है तो तमाम पत्रकार संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान प्रदीप उपाध्याय, त्रिनाथ पांडेय, तरुण भार्गव, दीपू द्विवेदी, अनिल द्विवेदी, राजकुमार सोनकर, संतोष गुप्ता, रामयश चैबे, आदित्य सिंह, भानु प्रताप, विवेक कुमार यादव मौजूद थे।

Related Articles

Election - 2024

Latest Articles

You cannot copy content of this page

Verified by MonsterInsights