चंदौली। विवेचना में अपनी मनमर्जी की बादशाहत कायम रखने वाले उपनिरीक्षकों की अब खैर नहीं है। यदि विवेचना में विलंब हुआ तो उन्हें कोर्ट को फटकार के साथ को कार्यवाही को भी झेलना होगा। जैसा कि इस वक्त चन्दौली जिले के 6 दरोगा झेल रहे हैं। विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में 6 दरोगा सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्यवाही कोर्ट के आदेश पर एसपी चंदौली ने की है, वहीं एक साथ 6 दरोगा के निलंबन से पुलिस महकमे में हड़कंप की स्थिति है। एडिशनल एसपी दयाराम ने निलंबन की पुष्टि की है। कहा कि जो दरोगा विवेचना को विलंबित और प्रभावित करने की मंशा रखते हैं ऊसर फौरन त्याग दें और महकमे की मंशा के अनुसार कार्य करें, अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें।
बताया जा रहा है कि 2018 में जिले के विभिन्न धान क्रय केंद्रों पर धान खरीद में भ्रष्टाचार सामने आने पर तत्कालीन डीएम नवनीत सिंह चहल के निर्देश पर सदर व चकिया कोतवाली समेत अन्य थानों पर 6 क्रय केंद्र प्रभारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसकी विवेचना क्षेत्रीय हल्का प्रभारी कर रहे थे, लेकिन विवेचना के दौरान विवेचकों ने लापरवाही बरतते हुए नियम 141 के तहत किसी भी आरोपी को नोटिस तामील नहीं कराया गया,और विवेचना पूर्ण करते हुए कोर्ट को अपनी रिपोर्ट प्रेषित कर दी। वहीं कोर्ट में ट्रायल के दौरान यह बात सामने आ गई कि विवेचना में लापरवाही बरती गई, और बिना नोटिस दिए बिना आरोपी पक्ष की बात सुने विवेचना पूरी कर ली गई.जिसको लेकर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए एसपी चंदौली को इस मामले से जुड़े सभी विवेचकों पर कार्रवाई के लिए निलंबित किये जाने के निर्देश दिए. वहीं कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए इससे जुड़े सभी 6 विवेचकों चौथी यादव, शिवानंद वर्मा, सत्यनारायण शुक्ला, अवधेश सिंह, सुनील मिश्रा और राजकुमार शामिल है। इस बाबत एएसपी दयाराम सरोज ने बताया कि विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में 6 दरोगा निलंबित किये गए है।