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Saturday, December 21, 2024

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पत्रकार प्रकरणः चकिया में पुतला दहन के प्रयास‚ पुलिस से हुई छिनाछपटी

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चकिया में विधायक के खिलाफ जुलूस निकालकर नारेबाजी करते ब्राह्मण समाज के लोग।


चकिया। खबर लिखने से खफा भाजपा विधायक शारदा प्रसाद द्वारा दो पत्रकारों के विरुद्ध एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज कराने का मामला अब तेजी से तुल पकड़ने लगा है। इस मामले में शनिवार को नगर के गांधी पार्क तिराहे पर पत्रकारों के समर्थन में उतरे ब्राह्मण समाज ने चकिया विधायक का प्रतीकात्मक पुतला दहन करने का प्रयास किया। इस दौरान ब्राह्मण समाज व कोतवाली पुलिस के बीच काफी देर तक छिनाछपटी हुई। अंततः पुलिस ने विधायक का पुतला छिन लिया। इससे गुस्साए ब्राह्मण समाज के कार्यकर्ताओं ने विरोध में जमकर नारेबाजी की।

चकिया में ब्राह्मण समाज के लोगों से पुतला छिनती कोतवाली पुलिस।


इस दौरान ब्राह्मण समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि विधायक शारदा प्रसाद द्वारा जानबूझकर द्वैषपूर्ण भाव से चकिया के पत्रकार कार्तिकेय पांडेय और चन्दौली के पत्रकार रोहित तिवारी के ऊपर कोतवाली पुलिस पर दबाव बनाकर उनके विरुद्ध एससी/एसटी एक्ट और मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। इतना ही नहीं कार्तिकेय पांडेय को जेल भेजवा दिया है जो न्याय संगत नहीं है। चेताया कि विधायक ने मुकदमा वापस नहीं लिया तो ब्राह्मण समाज के अलावा अधिवक्ता समाज और पत्रकार संगठन से जुड़े लोग आंदोलन को तेज करेंगे। ब्राह्मण समाज के प्रदर्शनकारियों ने काली मंदिर से गांधी पर तिराहे तक हाथ में चकिया विधायक शारदा प्रसाद का प्रतीकात्मक पुतला लेकर जुलूस निकाला। गांधी पार्क तिराहे पर पुतला दहन करने के दौरान मौके पर मौजूद कोतवाल नागेंद्र प्रताप सिंह और पुलिस वालों ने पुतले को अपने कब्जे में ले लिया। इस अवसर पर अवधेश द्विवेदी, तरुण भार्गव, अनिल द्विवेदी, प्रदीप उपाध्याय सोनू दुबे, कमलेश तिवारी, वेद प्रकाश मिश्रा, बेचन पाठक, अभिषेक पांडेय, अमित पांडेय, चीकू पान्डेय शामिल रहे।


भाजपा कार्यालय के बाहर सड़क पर नारेबाजी करते धरनारत पत्रकार।

भाजपा कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे पत्रकार
चंदौली। चकिया विधायक शारदा प्रसाद के खिलाफ शनिवार को चंदौली के पत्रकार लामंबद नजर आए। इस दौरान पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पत्रकारों का एक दल भाजपा कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करने पहुंचे। पत्रकारों ने भाजपा कार्यालय से निकल रहे भाजपा पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष के वाहन को घेर लिया और सड़क पर बैठक कर चकिया विधायक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
इस दौरान पत्रकारों ने कहा कि भाजपा के विधायक पत्रकारों का दमन कर रहे हैं, जिसे चंदौली के पत्रकार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सत्ता में आसीन जनप्रतिनिधियों का काम जनता के हित में कार्य करना होता है, लेकिन ये अपने पद का दुरूपयोग कर आम लोगों की मुश्किलें बढ़ाने का काम कर रहे हैं। पत्रकार ने जन समस्या से जुड़ी खबर को पटल पर लाया। यही बात चकिया विधायक को नागवार लगी और उन्होंने पत्रकार कार्तिकेय पांडेय व रोहित तिवारी के ऊपर दर्ज एफआईआर को पूरी तरह से गलत एवं फर्जी करार दिया। कहा कि खबर चलाने के बदले एक पत्रकार को आज जेल की सलाखों के पीछे हवा खा रहा है। इस मामले में पत्रकार के साथ पुलिस ने अपराधी जैसा व्यवहार किया है, जो उसकी मंशा व कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करता है। कहा कि पत्रकार की रिहाई व उसे न्याय दिलाने तक आंदोलन जारी रहेगा। लगातार मिल रहे समर्थन से आंदोलन दिन प्रतिदिन मजबूत होता जा रहा है। इस अवसर पर अशोक कुमार जायसवाल, प्रदीप गुप्ता, तलवार सिंह, आरिफ आलम, मुकुटधारी, सचिन पटेल, साकिर अंसारी, श्याम कुमार यादव, मुरली यादव, भूपेंद्र कुमार, सुजीत, चंदन, हिमांशु आदि उपस्थित रहे।

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