ओएनजीसी के डीजीएम एस एन चितनिस ने किया जिओ आकर्षण का उदघाटन
वाराणसी‚ पूर्वांचल डेस्क। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भूभौतिकी विभाग में मंगलवार को सात दिवसीय जिओ आकर्षण इवेंट का आगाज हुआ। इसका वर्चुअल उदघाटन ओएनजीसी के डीजीएम एसएन चिंतिस ने किया। यह कार्यक्रम आल इंडिया के सोसाइटी ऑफ जियोफिजिस्ट (एसईजी) और सोसाइटी ऑफ पेट्रोलियम ऑफ पेट्रोलियम जियोफिजिस्ट (एसपीजी) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। भूभौतिकी विभाग में यह कार्यक्रम सात दिनों तक चलेगा‚ जिसमे भू विज्ञान पर आधारित कई कार्यक्रम होंगे। इसके साथ ही देश के बड़े वैज्ञानिक प्रतिदिन छात्रों से रूबरू होंगे। उद्धाटन समारोह में इवेंट के थीम भारत की ऊर्जा सुरक्षा में शिक्षाविदों की भूमिका विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
इस दौरान मुख्य अतिथि एसएन चिंतिस ने कहा कि किसी भी देश के मानव विकास सूचकांक एवं ऊर्जा उपभोग में पूरक संबंध होता है। वस्तुतः ऊर्जा ही किसी भी देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास की धुरी है। ऊर्जा संसाधनों के आधार पर ही किसी राष्ट्र का आर्थिक विकास संभव है। इसलिए ऊर्जा सुरक्षा का मजबूत होना अत्यधिक आवश्यक है। शिक्षण संस्थानों और और इंडस्ट्री के परस्पर सहयोग से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है। बीएचयू के भूभौतिकी विभाग में आयोजित यह इवेंट इस क्षेत्र में एक अच्छा कदम है। विभागाध्यक्ष आर भाटला ने कहा कि ऊर्जा किसी भी देश के विकास का इंजन होती है। किसी देश में प्रति व्यक्ति होने वाली ऊर्जा की खपत वहाँ के जीवन स्तर का भी सूचक है। यही नहीं, आर्थिक विकास का भी ऊर्जा उपयोग के साथ मज़बूत संबंध होता है। इसलिये भारत जैसी तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिये ऊर्जा जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बहुत ज़रूरी है।
फैकल्टी एडवाइजर प्रोफेसर मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की ऊर्जा रणनीति के लिये ऊर्जा भंडारण भी काफी महत्त्वपूर्ण समझा जा रहा है। लिहाज़ा ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में बेहतरी के लिये एक व्यापक राष्ट्रीय ऊर्जा भंडारण मिशन तैयार किया गया है। इसे और अधिक प्रभावी तरीके से नवाचार एवं नीतिगत समर्थन पर केंद्रित करना होगा। इसी के साथ हमें ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास पर ज़ोर देना होगा जो नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करेगा।अतिथियों का स्वागत डा. संदीप ने किया।इस अवसर पर डॉ रोहताश अशोक पांडेय डॉ उमाशंकर राघव सिंह डॉ सत्यप्रकाश आदि उपस्थित रहे। छात्रों का प्रतिनिधित्व विशाल और शिवांश ने किया।