चंदौली। अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के सदस्यों का एक दल मंगलवार को जिलाधिकारी संजीव सिंह से मिला। इस दौरान जिलाध्यक्ष चंद्रभानु यादव ने ओबीसी की जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया। ऐसा नहीं होने से खासकर ओबीसी वर्ग के लोग आहत और चिंतित है। छह सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा और ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत बढ़ाकर 50 फीसद किए जाने की मांग की।
इस दौरान चंद्रभानु यादव ने कहा कि पिछड़े वर्ग के प्रबुद्धजनों का मानना है कि 201 के जनगणना में जाति आधारित जनगणना को अनिवार्य रूप से करायी जाय, ताकि पिछड़ी जातियों का सही आंकड़ा पता चल रहे है। जनसंख्या की जानकारी होगी, तभी तो उनके कल्याण, गरीबी उन्मूलन व प्रतिनिधित्व जैसी योजना को सही रूप से क्रियान्वित किया जा सके। कहा कि आज पिछड़ी जातियां आरक्षण के सम्पूर्ण लाभ से वंचित हैं। मांग किया कि पिछड़ी जातियों के बैकलाग की खाली पदों को शीघ्र भरा जाए। विश्वविद्यालयों में लागू रोस्टर सिस्टम समाप्त किया जाय। वर्तमान में स्नातक एवं स्नातकोत्तर में प्राचार्य के पद पर चयन गलत हुआ है, जिसकी जांच कराई जाए। जितेंद्र सिंह यादव जीतू ने कहा कि सरकार पिछड़ों को छलने का काम कर रही है। यदि सरकार पिछड़ी जातियों की हिमायती होती तो वह जनगणना की बजाय जाति आधारित जनगणना कराने की पहल करती। जाति आधारित जनगणना में सभी को गिनने का बातें कही गयी है। यहां किसी एक जाति या संप्रदाय के गणना की बात नहीं है‚ लेकिन बहुसंख्यक पिछड़ी जातियों को गुमराश करने के लिए इसे अमल में नहीं लाया जा रहा है। कहा कि 263 पद के सापेक्ष चयनित अभ्यर्थी जिसमें सामान जाति के 232 पिछड़ी जातियों के मात्र 23 एवं अनुसूचित जाति के सात एवं अनुसूचित जातियों में सिर्फ एक शामिल है। कहा कि बहुसंख्यक पिछड़ा वर्ग की भावनाओं को मान रखते हुए जाति आधारित अनिवार्य रूप से करायी जाय। पंकज यादव, श्यामजी यादव, रमेश यादव, विकास यादव, योगेश यादव, दिनेश यादव, चंद्रिका यादव, आशू यादव, कपिल यादव, अशोक यादव, रजिन्दर यादव, संजय यादव आदि उपस्थित रहे।