सैयदराजा‚ चंदौली l सरकारी की सार्वजनिक वितरण प्रणाली हमेशा सवालों के घेरे में रही है‚ जिस महकमे से गरीबों का कल्याण होना चाहिए। उस पर हमेशा से सुविधासम्पन्न लोगों को अवैध तरीके से लाभ पहुंचाने के आरोप लगते आएं। कुछ आरोप उजागर होने के बाद पुष्ट हुए तो कुछ पर एक्शन नहीं लिया गया। सरकारें चाहे जिसकी भी रही हो‚ लेकिन विभागीय अफसर–कर्मी व कोटेदारों की जुगलबंदी हमेशा जनता पर भारी नजर आयी। कई योजाएं तो पूरी की पूरी डंकार ली गई और किसी भी भनक तक नहीं लगी। खैरǃ यह सब बीते वक्त की बातें हैं‚ लेकिन सैयदराजा आरएफसी गोदाम पर हुए कोटेदारों की बैठक में एक नयी बात निकलकर सामने आयी है।
बैठक में कोटेदारों ने संगठन व अपने कोटेदारों के हित की बात की और अपनी समस्याओं को पटल रखा। इस दरम्यान 300 रुपये प्रति कुंतल कमीशन व बोरी के बकाए की अदायगी की बात को पटल पर रखा गया। साथ ही बीते पांच अगस्त को बनाए गए अन्न महोत्सव से जुड़ी ऐसी बात कह दी‚ जिसने पर सरकार पर ही सवाल खड़े कर दिए। जी हांǃ कोटेदारों ने कहा कि अन्न महोत्सव को सफल बनाने के लिए प्रत्येक कोटेदारों ने अपना पैसा लगाया। बैठक में कोटेदारों ने अपनी पीड़ा व्यक्त की और बकाए के भुगतान की गुजारिश की। यहां पर किसी भी कोटेदार ने सरकार पर सवाल नहीं खड़े किए‚ लेकिन उनकी इन बातों में यदि कहीं कोई सच्चाई है तो यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कोटेदारों के निजी खर्च पर सरकार ने अन्न महोत्सव मनाकर वाहवाही लुटी और जनता को गुमराह किया। फिलहाल इस बात में कितना दम है इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं की जा सकती है क्योंकि यह जांच का विषय है। कोटेदारों की बैठक में अवधेश कुमार, रियाजुल सिद्दीकी, ज्योति भूषण सिंह,रणविजय ,अशोक यादव, रामबचन पाल,मुन्ना पासवान, मोहन बिंद,भोला ,उमा शंकर , सरिता देवी,करिश्मा देवी,पुष्पा देवी, कल्लन प्रसाद, विजय शंकर लाल,राधेश्याम श्रीवास्तव सहित काफी संख्या मे कोटेदार उपस्थित रहे। संचालन अजीत तिवारी ने किया।