वाराणसी‚ पूर्वांचल डेस्क। एसटीएफ की वाराणसी यूनिट को सोमवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है। वाराणसी पुलिस ज़ोन के एक लाख के इनामिया बदमाश दीपक वर्मा को चौबेपुर थाना क्षेत्र के बरियासनपुर गांव के पास रिंग रोड पर हुई मुठभेड़ में एसटीएफ ने मार गिराया। दोपहर 1 बजे के बाद हुई इस मुठभेड़ में डिप्टी एसपी STF शैलेश सिंह भी शामिल रहे। बताते हैं कि लक्सा थाना क्षेत्र का रहने वाला दीपक वर्मा बेहद शातिर बदमाश था। कैंट थाना में गैंगस्टर में निरुद्ध था। इसके खिलाफ कई थानों में गंभीर अपराध के मुकदमें दर्ज हैं। पुलिस ने इसे जेल में निरुद्ध किया था, लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद फिर से गंभीर अपराधों को अंजाम दिया और फरार हो गया था। इसी बीच उसकी मौजूदगी की इनपुट पर एसटीएफ वाराणसी सक्रिय हुई और उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया‚ लेकिन इसकी भनक लगने के बाद दीपक वर्मा एसटीएफ पर फायरिंग कर भागना चाहा‚ लेकिन जवाबी कार्यवाही में वह मौके पर ही ढेर हो गया।
वाराणसी। पुलिस के लिए सिरदर्द बना दीपक वर्मा लक्सा पार्षद शिव सेठ की हत्या में भी शामिल था। इसके अलवा उसने शहर और शहर से बाहर कई बड़े वारदातों को अंजाम दिया था। उसके आपराधिक इतिहास को देखते हुए वाराणसी पुलिस ने इसके ऊपर एक लाख का इनाम रखा था। एसटीएफ के डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि टीम को इसके द्वारा किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की सूचना एसटीएफ को मिली थी। तब से इसकी तलाश जारी थी। सोमवार को उसके चौबेपुर थाना क्षेत्र में होने की सटिक जानकारी टीम को मिली। गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की गयी, उसने बचने के लिए टीम पर फायर झोंक दिया। जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ ने उसे ढेर कर दिया।गोली लगने के बाद भी पतालेश्वर से अपने साथी को लेकर भागा थादशाश्वमेध थाना क्षेत्र के पतालेश्वर मुहल्ले में पचास हजार के इनामी बदमाश रईस बनारसी, दीपक वर्मा और राकेश के बीच हुए गैंगवार में दोनों तरफ से गोलियां चली थी।
बताया जाता है कि इस गैंगवार में रईस और दीपक को गोली लगी। बावजूद इसके वह अपने साथी रईस को बाइक पर लेकर भाग निकला था और जब रईस की मौत हो गयी तो वह उसे एक मस्जिद के पास छोड़कर भाग निकला था।आज से तीन साल पहले दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के पतालेश्वर इलाके में जब पचास हजार के इनामी बदमाश रईस बनारसी ने राकेश पर गोलियां दागनी शुरू की तो राकेश ने भी फायर झोंका और गोली रईस के गले में जा लगी। क्रास फायरिंग के दौरान रईस के साथ राकेश की हत्या करने पहुंचे उस वक्त के 25 हजार के इनामी दीपक वर्मा को भी गोली लगी थी। गोली लगने के बाद भी दीपक रईस को बाइक पर बैठाकर दालमंडी इलाके में घुसा। दालमंडी में लंगड़ा हाफिज मस्जिद के समीप जब रईस की हालत बिगड़ने लगी तो उसे मस्जिद के बाहर छोड़कर इनामी बदमाश दीपक भाग निकला था। क्रास फायरिंग में रईस और राकेश तो ढेर हो गये थे लेकिन घायल दीपक बच निकला। रईस के साथ दीपक के घायल होने की सूचना पर पुलिस महकमा अलर्ट हो गया। पुलिस ने नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के सभी छोटे-बड़े अस्पतालों की जांच कराई लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। सूत्रों के अनुसार सपा नेता व नौका संचालक प्रभु साहनी की हत्या का बदला लेने के लिए छटपटा रहे रईस बनारसी को उसके ही साथियों ने राकेश की हत्या के लिए बुलाया था। जिन लोगों ने रईस को राकेश की सूचना दी, उन्हीं बदमाशों ने राकेश को भी बता दिया कि रईस उसकी हत्या के इरादे से वाराणसी आ रहा है। रईस के आने की बात सुनते ही राकेश ने भी अपने पास असलहा रखना शुरू कर दिया था।