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Friday, December 27, 2024

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टांडा कला , गंगा में अटखेलिया कर रही डॉलफिन

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चहनियां ।
क्षेत्र के गंगा तटवर्ती गांवो में भारी मात्रा में राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन मछली दिखने को मिल रही है । बलुआ बाल्मीकि कुंड से लेकर टाण्डाकला तक मछलियां फैली हुई है । जो पानी के वातावरण को शुद्ध करने में सहायक होती है । वन बिभाग के रेंजर ने सर्वे किया ।
इधर कुछ दिनों से राष्ट्रीय जलीव जीव डॉल्फिन मछलियां भी दिखने को मिल रही है । जिनका वजन एक कुन्तल से दो कुन्तल तक है । जो बाल्मीकि कुण्ड बलुआ से लेकर महुअर ,हरधन जुड़ा,बिजयी के पूरा,गणेश पूरा ,सोनबरसा व टाण्डाकला घाट तक भारी मात्रा में दिखने को मिल रहा है । डॉल्फिन मछली ज्यादा मात्रा में मिलने की सूचना पर पहुँचे वन बिभाग के रेंजर खलीक अहमद ने सर्वे किया । गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष दीपक जायसवाल ने बताया कि हमलोग गंगा के वातावरण को शुद्ध करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है । किन्तु इतनी ज्यादा मात्रा में डॉल्फिन मछली हमलोगों के योजना में सहायक सिद्ध होंगे । डॉल्फिन गंगा में तो 10 वर्ष है किंतु छोटा ही दिखने को मिलता था । रेंजर खलीक अहमद ने बताया कि डॉल्फिन मछली क्षेत्र के गंगा नदी में कभी कभार एकाहक दिख जाती थी । किन्तु इन दिनों ज्यादा मात्रा में मछली दिखने को मिल रही है । इन्हें राट्रीय जलीव जीव का दर्जा दिया गया है । ये जहां ज्यादा मात्रा में रहती वहाँ का पानी शुद्ध हो जाता है । ये खुशी की बात है कि क्षेत्र बड़े बड़े डॉल्फिन मछलियां मिल रही है । बुधवार को नमामि गंगे योजना के अंतर्गत पर्यटक टीम सर्वे करने आ रही है । ये ज्यादातर गहराई वाले गंगा क्षेत्रो में मिलते है ।

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