वाराणसी, पूर्वांचल। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र एवं मड़िहान के पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी गुरुवार को औरंगाबाद हाउस में पत्रकारों से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफे की अटकलों पर पूर्ण विराम लगाते हुए उसे पुष्ट कर दिया। कहा कि अब वे कांग्रेस के काडर व कांग्रेस को मजबूती देने वाले कार्यकर्ताओं की उपेक्षा आगे बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे, लिहाजा वह कांग्रेस के सभी पदों व प्राथमिकता सदस्यता को छोड़ रहे हैं। अपनी बातचीत में उन्होंने दूसरे राजनीतिक दल से जुड़ने के सवालों को सिरे से खारिज कर दिया। कहा कि वह समाज, दीन-दुखियों, किसानों-नौजवानों के हक के लिए संघर्ष करेंगे, लेकिन किसी राजनीतिक दल से जुड़े बिना।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि मेरा परिवार का कांग्रेस का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ 100 साल से ज्यादा का संबंध रहा है। यह प्रांगण जिसे औरंगबाद हाउस के नाम से जाना जाता है कई ऐतिहासिक आंदोलनों व परिवर्तन का केंद्र रहा है। ऐसे में कांग्रेस से पृथक होने का फैसला अत्यंत भारी है। कहा कि मेरे अंदर किसी के प्रति न कोई दुर्भावना है और ना ही मन में किसी तरह का मलाल। कांग्रेस के हजारों समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार एवं नजरअंदाज होते हुए जब भी देखता हूं तो बहुत दर्द होता है। ऐसे में मैंने काफी सोच विचार करके यह फैसला लिया है। कहा कि मेरे सामने मेरे पूर्वजों द्वारा किए गए कार्यों का उदाहरण के साथ ही उनकी दी हुई विरासत को संभालने की चुनौती भी थी। अब मैने अलग रासता बनाने का निर्णय लिया है, ताकि समाज के शोषित, वंचित, किसान, नौजवान समेत हर वर्ग की आवाज अपने हिसाब से मजबूती के साथ उठा सकूं। अंत में उन्होंने कहा कि कुछ दिनों से दूसरे राजनीतिक दल से जुड़ने की कई अफवाहें फैलाती जा रही थी जो मात्र अफवाह है उसमें किसी भी तरह की कोई सत्यता नहीं है। कहा कि अपने साथियों के साथ भविष्य पर चर्चा होगी और इसके बाद आगे की किसी भी तरह की रणनीति को अमल में लाया जाएगा।