वाराणसी – पूर्वांचल डेस्क – अतुल राय प्रकरण में एक और अधिकारी पर गाज गिर गई है। इस मामले में वाराणसी में तैनात तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र त्रिपाठी को सरकार ने निलंबित कर दिया है। विकास चंद्र त्रिपाठी पर यह कार्रवाई तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक अमरेश बघेल द्वारा अतुल राय के पक्ष में तैयार की गई रिपोर्ट को बिना जांच के आगे बढ़ाए जाने के मामले में की गई है।
बुधवार को प्रयागराज में एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर होकर वाराणसी के भेलूपूर सर्किल के तत्कालीन इंचार्ज अमरेश बघेल ने अतुल राय के पक्ष में बयान दे दिया था। बघेल पिछले इसी मामले में 9 महीने से निलंबित चल रहे हैं। कोर्ट में सरकार के खिलाफ बयान देने पर शीर्ष स्तर पर अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की थी। जिसके बाद अतुल राय की मदद करने, फर्जी तरीके से सुबूत तैयार करने के मामले में वाराणसी के लंका थाने में फ्रेश केस दर्ज कर अमरेश बघेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब इसी मामले में तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र त्रिपाठी का भी निलंबन किया गया है।
एसआईटी की रिपोर्ट पर शुरू हुई थी विभागीय कार्रवाई
अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने 16 अगस्त को नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह कर लिया था। पीड़िता और उसके साथी सत्यम प्रकाश राय ने वाराणसी के तत्कालीन पुलिस अधिकारियों और न्यायाधीश पर गंभीर आरोप लगाते हुए फेसबुक भी लाइव किया था। इस मामले की जांच के लिए डीजी भर्ती बोर्ड राज कुमार विश्वकर्मा की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया था।
एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी किए गए थे। बुधवार को बघेल के न्यायालय में हाजिर होकर दिए गए बयान के बाद इस मामले ने दोबारा तूल पकड़ लिया, जिसके बाद अमरेश बघेल को मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया और विकास चंद्र त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया।