चकिया में भाजपा व जातीय आधारित नेताओं पर साधा निशाना
चंदौली। जन अधिकार पार्टी प्रमुख बाबूसिंह कुशवाहा शुक्रवार को भरी बरसात में भाजपा सरकार पर जमकर बसरे। उन्होंने वोट के लिए पिछड़ी व दलित जातियों को तोड़ने वाले नेताओं को बरसाती मेंढक करार दिया। कहा कि ये लोग भले ही आपकी जाति के हैं‚ लेकिन काम भाजपा के नेताओं का करते हैं। इनका उद्देश्य पिछड़ों‚ दलितों व असहायों का कल्याण करना नहीं‚ बल्कि ये उन लोगों के लिए कार्यरत हैं जो पिछड़ों व दलितों का शोषण कर रहे हैं। जो समस्याएं सदियों से कायम है उसके निवारण के लिए सभी पिछड़ी जातियों को एक मंच पर आना होगा। अपने समाज का नेता आपको चुनना होगा। समाज को तोड़ने व अशांति फैलाने वाले संगठनों द्वारा चुने गए नेताओं को अपना नेता स्वीकार ना करें। अपना नेता खुद बनाएं‚ ताकि वह आपके हित की बात सोचे और उस दिशा में काम करे। श्री कुशवाहा शुक्रवार को चकिया नगर में आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे।
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उन्होंने कहा कि जितनी जिसकी संख्या भारी‚ उतनी उसकी हिस्सेदारी। यही स्लोगन व नारे के साथ जन अधिकार पार्टी चुनाव लड़ेगी और इसे मुकम्मल करेगी‚ ताकि समाज में कायम असमानता को दूर किया जा सके। कहा कि पिछड़ों के आरक्षण‚ अधिकार पर खुलेआम डांका डाला जा रहा है और तमाम पिछड़ी जातियों के नेता होने का दावा करने वाले राजनीतिक व्यक्ति मौन साधे हुए हैं। कहा कि विधानसभा चुनाव आ गया है अब आपकी पूछ बढ़ेगी‚ नेता आपके दरवाजे पर आएंगे। आपके हमदर्द व हितैषी होने का दावा व दिखावा करेंगे। लेकिन आप सभी को ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है। कहा कि आपकी यह पूछ इसलिए की जा रही‚ क्योंकि आप समाज को तोड़ने में उनकी मदद करने वाले है। अब आपको तय करना है कि आप समाज को तोड़ने वाले की भूमिका में है या समाज को संगठित करके एक मंच पर लाने वाला व्यक्तित्व बनना चाहते हैं। उन्होंने बसपा पर तंज कसा। कहा कि बसपा की नजर में दलितों व पिछड़ों का कोई मोल नहीं है। उनकी नजर में दलित व पिछड़ों का शोषण करने वाले ही महत्वपूर्ण है। देश के गरीब‚ दलित व पिछड़े अपना व अपने बच्चों का हक व हिस्सा चाहते हैं तो उन्हें अपना नेता खुद चुनना होगा। इसलिए सभी को संगठित होने की जरूरत है। समाज को खंडित करने वालों के षड्यंत्र से बचे और अपना खुद का परचम राजनीतिक के क्षेत्र में बुलंद करें। क्योंकि इस समाधान के लिए राजनीतिक के अतिरिक्त कोई दूसरा विकल्प नहीं है। यदि वजह है कि मैं और आप सभी इस बारिश में जन अधिकार पार्टी के राजनीतिक पंडाल के नीचे जमा है। कहीं न कहीं मैं और आप सभी सरकार के कामकाज‚ सामाजिक सुरक्षा में आयी कमी और अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित व परेशान हैं। यदि समाधान चाहिए तो जातीय आधारित नेताओं व पार्टियों को दरकिनार कर अपनी शक्ति को समेटनी होगी।
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