जिला प्रशासन की चेतना जागृति के लिए सोमवार से देंगे धरना
चंदौली। अंततः वही हुआ जिसका पांच गांव के ग्रामीणों का डर था। एक दिन की बारिश में बरठा-पुरवां, जगदीशसराय, चकिया व मद्धूपुर गांव के ग्रामीणों के लिए खतरनाक रास्ता अचानक जानलेवा हो गया। मार्ग पर करीब दो फीट पानी जमा हो गया है, जिसे क्षतिग्रस्त रास्ते पर मौजूद गड्ढे अदृश्य हो गए हैं। ऐसे में सुबह अपने घर से कामकाज के लिए निकले दर्जन भर से अधिक लोग मुख्य मार्ग के 50 मीटर अनिर्मित हिस्से में सड़क पर गिरकर चोटिल हो गए। इससे खफा लोगों ने जिम्मेदार अफसरों व जिला प्रशासन को जमकर कोसा। आरोप लगाया कि जिले के अफसर सरकार के गड्ढामुक्त सड़क की मंशा को अपनी कार्य प्रणाली से पलीता लगा रहे है। उनकी चेतना जागृति के लिए पांचों गांव के ग्रामीण सोमवार से बिछियां धरनास्थल पर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
इस दौरान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से सीधा मांग किया कि प्रकरण का स्थलीय निरीक्षण कर जिले के अफसर यह तय करें कि सड़क वास्तव में अस्तित्व में है या नहीं। यदि सड़क कायम है तो उक्त 50 मीटर के सड़क का निर्माण आगामी चार दिनों के अंदर कर दे। यदि सड़क का अस्तित्व अफसरों की जांच में नहीं मिला तो उसे पूरी से उखाड़ दिया जाए। कहा कि पूर्व में किए गए जांच में एसडीएम सदर द्वारा जांच की गयी, जिसमें 20 मीटर चौड़ी सड़क होने की बात अपनी जांच रिपोर्ट में सीडीओ चंदौली को बतायी गयी थी। इसके बाद भी सड़क निर्माण करा पाने में जिला प्रशासन अब तक नाकाम हुआ है, जिससे पांच गांव के हजारों ग्रामीणों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार की रात ही बारिश के बाद बरठा-पुरवां को हाइवे से जोड़ने वाले सम्पर्क मार्ग के क्षतिग्रस्त हो चुके 50 मीटर हिस्से पर बारिश का पानी अत्यधिक मात्रा में जमा गया, जिससे बाइक सवार, साइकिल सवार व पैदल राहगीरों को आने-जाने में दिक्कतें हुई। यह देखकर इन गांवों के ग्रामीणों ने अपना गुस्सा जाहिर किया। कहा कि जिला प्रशासन की लापरवाही ग्रामीणों को पिछले 10 वर्षों से परेशानी उठानी पड़ रही है। कहा कि गांधी जयंती होने के कारण स्कूल-कालेज बंद थे, अन्यथा स्कूली वाहन के दुर्घटनाग्रस्त की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता था। बावजूद इसके जिला प्रशासन की चेतना जागृत नहीं हो रही है। ऐसे में ग्रामीण सोमवार से जिला प्रशासन की चेतना जागृति के धरना-प्रदर्शन व आंदोलन करेंगे।