चंदौली।हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक शारदीय नवरात्रि हर साल शरद ऋतु में अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है। इसका विशेष महत्व है। इस साल शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू हो रहा। नवरात्रि में नौ दिनों तक भक्त मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं और मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी किया जाता है। मान्यता है कि नौ दिनों तक भक्तिभाव से मां दुर्गा की पूजा करने से वह प्रसन्न होकर भक्तों के सभी कष्ट हर लेती हैं। विद्वान आचार्य पंडित विनय त्रिपाठी ने बताया कि शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन मां के प्रथम रूप “माता शैलपुत्री का पूजा अर्चन किया जाएगा। मां शैलपुत्री के दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल धारण है। मां का वाहन बैल है। विधि विधान से की गई पूजा से मॉ प्रसन्न होकर सभी मनोकामना पूर्ण करती है।
नवरात्र के पहले दिन गुरुवार को नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के देवी मां के मंदिर भक्तों के जयकारों से गूंज उठे। मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए सुबह पांच बजे से ही कतारें लग गईं। दिन भर कतारें लगी रहीं। आदि शक्ति की उपासना के लिए लोगों ने व्रत रखा और भजन कीर्तन किया।नवरात्र के पहले दिन आदिशक्ति के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की गई। सुबह स्नान आदि करके भक्त पूजा की थाल सजाकर मंदिरों की ओर चल दिए। मंदिरों में जाकर कतार में लगकर विधि विधान से मां की पूजा अर्चना और स्तुति की। मुख्यालय के प्राचीन काली मां मंदिर में सुबह पांच बजे से ही भक्तों की कतारें लग गईं। श्रीरामजानकी मठ मंदिर, महावीर मंदिर, फुटियां गांव के काली मंदिर में सहित अन्य मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। देवी मां के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए है।