चंदौली। सेना में फर्जी तरीके से भर्ती कराने वाला गिरोह मंगलवार को जनपद पुलिस के हत्थे चढ़ा। पुलिस ने गैंग के सरगना समेत छह अभियुक्तों को धर-दबोचा। उनके पास से पुलिस को भारी मात्रा में कूटरचित दस्तावेज, सेना की फर्जी मोहर, चेक बुक, पासबुक, एटीएम कार्ड, आर्मी कैंटीन का स्मार्ट कार्ड व आर्मी की वर्दी मय किट, कार, मोटरसाइकिल, कम्प्यूटर सेट, नौ मोबाइल फोन, दो पिस्टल व कारतूस पुलिस के हाथ लगा है। उक्त मामले का एसपी अमित कुमार ने बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में खुलासा किया गया है।
उन्होंने बताया कि जनपद में एक गिरोह भारतीय सेना में कूटरचित दस्तावेज के आधार पर नवयुवकों को धोका देकर पांच लाख रुपये लेकर भर्ती कराने के कृत्य में लिप्त है। इस गिरोह द्वारा भर्ती कराए गए कुछ युवक जबलपुर में आर्मी कैम्पस में पकड़े गए थे। इसके बाद से मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन चल रही थी। गिरोह का सरगना धानापुर थाना क्षेत्र का रहने वाला था। उक्त गिरोह के सरगना व सदस्यों की गिरफ्तारी हेतु स्वाट, सर्विलांस व धानापुर थाने की टीम को सक्रिय किया गया था। इसी बीच 19 अक्टूबर को जरिए मुखबिर खास सूचना मिली कि सेना भर्ती में भर्ती तरीके से युवकों को भर्ती कराने वाला गिरोह आर्टिका कार से चहनियां से धानापुर जा रहे हैं। इसके बाद पुलिस दल ने घेरेबंदी कर कार को रोका और तलाशी ली तो तो गाड़ी में दो पिस्टल व एक आर्मी की हैट रखी हुई मिली। कार सवार लोग अधिकार पत्र मांगने पर प्रस्तुत नहीं कर पाए। पूछताछ में पकड़े गए रविकांत, विकास व रोहित द्वारा बताया गाय कि हम सभी आर्मी में सैनिक के पद पर हैं। उनके द्वारा अवकाश पर अपने घर जाने की बात कही गयी और पुलिस बल को अरदब में लेने का प्रयास किया गया। पुलिस द्वारा आर्मी अफसरों के नाम व मोबाइल नंबर पूछने पर पुलिस घेरा तोड़कर भागने का प्रयास किया, जिसे बल प्रयोग कर पुलिस ने पकड़ा। पूछताछ के बाद उन्होंने ठगी करने के लिए आर्मी की वर्दी धारण किए हुए हैं। पूछताछ में बताया कि वह अपने आर्मी में भर्ती हुआ था, जिसकी जगह किसी दूसरे लड़के ने रिटेन परीक्षा दी थी, लेकिन ट्रेनिंग के बाद मुझे वाराणसी बुलाकर इस बाबत पूछताछ किया गया तो मैंने अपने मामा द्वारा भर्ती में जुगाड़ लगाने की बात स्वीकार की। इसके बाद मुझे सेना से निकाल दिया गया, उसके बाद मैं स्वयं लड़कों को रुपये लेकर सेना में भर्ती कराने लगा। इसी बीच लाकडाउन लग गया और कई लड़के जिन्होंने मुझे भर्ती के लिए पैसे दिए थे तगादा करने लगे। इस पर मैंने अपने मामा के लड़कों के सहयोग से भर्ती नियुक्ति पत्र बनाकर लड़कों को ट्रेनिंग के लिए जबलपुर भेजा, जहां आठ अभ्यर्थी वेरिफिकेशन में पकड़ लिए गए। पुलिस ने अलीनगर स्थित मालती डिजीटल स्टूडियो अलीनगर में दबिश दी तो वहां दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि पैसे के लालच में रविकांतश उर्फ मुक्कू के कहने पर हम सभी कूटरचित आर्मी का सिलेक्शन लेटर अपने सिस्टम से बनाकर देते रहते थे। रविकांत ने हमे एक मुहर दिया था, जो फर्जी दस्तावेजों पर लगाकर प्रिंटर से हस्ताक्षर को इडिट करके प्रिंटर से सर्टिफिकेट निकालते थे। आर्मी के रविकांत उर्फ मुक्कू द्वारा दिए गए नमूना सिलेक्शन सर्टिफिकेट को इडित कर कैंडिउेट्स का नाम-पता भर देते थे। पुलिस ने पकड़े गए पांच अभियुक्तों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेजने की कार्यवाही अमल में लायी है।
वाही अमल में लायी है।