चंदौली – यूं तो योगी सरकार गो रक्षा के लिए तमाम योजनाएं चला रही है. लेकिन बावजूद इसके बदहाल गो आश्रय स्थल की तश्वीर आम है. इस बीच एक संस्था ऐसी भी जो सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, और प्रदेश भर में गो आश्रय स्थल खोलकर उनको सेवा में जुटी है. गोरखपुर का ध्यान फाउंडेशन निराश्रित पशुओं की सेवा करती है. अलीनगर पुलिस ने एक कंटेनर करीब 22 गोवंश बरामद किये है. जिसे पश्चिमी यूपी से बंगाल ले जाई जा रही थी. गोवंश पकड़े जाने की सूचना पर संस्था के लोग सभी पशुओं को अपने साथ गोरखपुर ले गए.
दरअसल चन्दौली पशु तस्करी का ट्रांजिट जोन बन गया है. रोजाना यहां बड़ी छोटी गाड़ियों से पशु तस्करी की जाती है. हालांकि पुलिस भी अभियान चलाकर समय समय पर कार्रवाई करती रहती है. इसी क्रम में अलीनगर पुलिस ने एक कंटेनर वाहन से 22 की संख्या गोवंश बरामद किया है. जिसे वध के लिए बंगाल ले जाया जा रहा है. अलीनगर पुलिस ने शुक्रवार की देर रात मुखबिर की सूचना पर एनएच-2 से गिरफ्तार कर लिया. भारी संख्या में गोवंश की बरामदगी की सूचना जैसे ही मिली.ध्यान फाउंडेशन की टीम अलीनगर थाने पहुँच गई.
इस दौरान गोवंशों की दयनीय स्थिति को देखते हुए संस्था से जुड़े विनोद पांडे और दिनेश गिरी ने तत्काल चारा-पानी की व्यवस्था के साथ ही केला व गुड़ का रस की व्यवस्था की ताकि कई दिनों से भूखे इन जानवर को एनर्जी मिल सके. जिसके बाद 4 वाहनों की मदद से सभी गोवंशों को गोरखपुर के गोला वृहद संरक्षण केंद्र ले जाया गया. जहां इनकी देखभाल के साथ ही रहने की व्यवस्था की जाएगी.
खास बात यह है कि प्रदेश भर में ध्यान फाउंडेशन की 45 संस्था काम कर रही है. जिसमें 35-40 हजार निराश्रित गोवंश रहते है. जिसके संरक्षक योगी अश्विनी है सरकारी व निजी चंदे की मद से सेवा की जाती है. यहीं नहीं सेवादारों की माने तो यह सिर्फ निराश्रित जानवरों को ही एडॉप्ट करते है बल्कि सूचना मिलने पर कसाई बाड़े से भी जनवरों को उठा ले आते है. कई बार विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है.
प्रभारी निरीक्षक अलीनगर संतोष सिंह ने बताया कि पुलिस ने जानवरों की बरामद खेप को संस्था को सौंप दिया है. साथ ही कन्टेनर के साथ ही असलहा भी बरामद किया है. पूछताछ में बताया कि शाहजहांपुर निवासी गिरफ्तार चारों गो तस्करों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज जेल भेज दिया है.