चंदौली। चुनावी साल में एक बार फिर पुरानी पेंशन की जिन्न बोतल से बाहर निकल आया है। अबकी बार-बार इस मांग को अगल-अलग करने की बजाय इस बार एक मंच पर नजर आए। बिछियां धरनास्थल पर जमा शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक व शिक्षणेत्तर कर्मियों संग राज्य कर्मचारियों ने एकजुटकता का परिचय देते हुए एक मंच पर नजर आए। इस दौरान आजादी की तर्ज पर पुरानी पेंशन को लेकर रहने की अपने दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया। कहा कि सरकार ने इस विचार नहीं किया तो वह सत्तासीन सरकार की ईंट से ईंट बजाकर रख देंगे। 30 नवंबर को लखनऊ में 20 लाख कर्मचारी जमा होंगे। इस दौरान सरकार व राजनेता सरकारी कर्मचारियों के निशाने पर रहे।
इस दौरान राज्य कर्मियों ने कहा कि सांसद, विधायक व मंत्री एक बार चुने जाने के बाद आजीवन पुरानी पेंशन का लाभ लेते हैं, जबकि अपने जीवन का कीमती वक्त सरकारी व जनता के कामकाज में खपाने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने में सरकार व सरकार के नुमाइंदे आनाकानी कर रहे हैं। कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों, शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मियों का हक है जिसे हम सभी लेकर रखेंगे। इस मांग को मुकाम देने के लिए आज हम सभी जिला मुख्यालय पर इकट्ठा हुए हैं। यदि सरकार ने हमारी मांगों को संज्ञान में नहीं लिया तो आगे आने वाले दिनों में कर्मचारी लखनऊ कूच करेंगे। कहा कि 30 नवंबर को 20 लाख से अधिक कर्मचारी व शिक्षक लखनऊ में होंगे, जो सरकार तक अपनी मांग को पहुंचाने का काम करेंगे। कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्र व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों को सरकार नियमित करें। साथ ही कर्मचारियों व शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सेवा का लाभ सरकार दे। इसके अतिरिक्त शिक्षकों व कर्मचारियों को जो भी मांग शासन-प्रशासन स्तर पर लंबित है उसे गंभीरता के आधार पर सरकार पूरा करे। यदि ऐसा नहीं होता है तो आगामी विधानसभा चुनाव में शिक्षक व कर्मचारी सरकार की ईंट से ईंट बजाने का काम करेंगे।
आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधि व सरकार राज्य कर्मियों व शिक्षकों के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है। खुद पुरानी पेंशन का लाभ रहे हैं और कर्मचारियों को नई पेंशन के फायदे गिनाए जा रहे हैं। यदि नई पेंशन व्यवस्था वास्तव में लाभकारी है तो वह खुद पुरानी पेंशन को छोड़कर नई पेंशन का लाभ लें। कर्मचारी भी पुरानी पेंशन की मांग को स्थगित कर देंगे। यदि ऐसा नहीं है तो हम सभी को तत्काल पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाय। सरकार ने पहले ही इस मामले को काफी लंबित कर रखा है, लेकिन अब इसमें किसी भी तरह की लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह मांग कर्मचारियों के हितों से जुड़ा है, लिहाजा इसे पूरा कराने के लिए हम सभी आज एकजुट होकर एक मंच पर है, ताकि सरकार हमारे शक्ति प्रदर्शन को समझे और समय रखते पुरानी पेंशन की बहाली की दिशा में प्रभावी कदम उठाए। इस अवसर पर आनंद कुमार सिंह, बृजेश सिंह, देवेंद्र प्रताप यादव, अजीत यादव, मिथिलेश, रवि कुमार आदि उपस्थित रहे।