इलिया। क्षेत्र के कौड़िहार पूर्व माध्यमिक विद्यालय पर तैनात प्रधानाध्यापक बुधवार को अवकाश के दिन स्कूल के सामान के साथ रंगे हाथ धर लिए गए। वह अपनी बाइक पर आग बुझाने वाला यंत्र, नए प्लेट-गिलास के साथ ही केबिल बोरे में भरकर ले जा रहे थे, जिन्हें ग्रामीणों स्कूल गेट पर ही पकड़ लिया। इसके बाद सूचना देकर ग्राम प्रधान को मौके पर बुलाया। पहले तो प्रधानाध्यापक ने अपना धौंस दिखाना चाहा, लेकिन ग्रामीणों के तेवर के आगे वे जल्द ही नरम पड़ गए। इसकी जानकारी होते ही भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए। इसके अलावा प्रधान भी वहां पहुंचे और प्रकरण से बेसिक शिक्षा विभाग को अवगत कराता। अंततः प्रधानाध्यापक ने ग्रामीणों को यह नहीं बताया कि वह स्कूल की सामग्री को लेकर कहां जा रहे थेॽ
दरअसल डाला छठ पर्व के मद्देनजर बुधवार को सभी परिषदीय विद्यालय बंद थे। इस दौरान कौड़िहार के प्रधानाध्यापक विद्यालय पहुंचे और बोरे में सामग्री भरने लगे, तभी किसी ग्रामीण की नजर उन पर पड़ गयी। इसके बाद ग्रामीण उनके विद्यालय से बाहर आने का इंतजार करने लगे। प्रधानाध्यापक द्वारा सामग्री से भरी बोरी बाइक पर बांधकर जैसे ही विद्यालय गेट के बाहर आया गया। ग्रामीणों ने गुरुजी को बोरा समेत पकड़ लिया और गुरुजी के बोरे की ग्रामीणों ने तलाशी ली। साथ ही इस पूरे प्रकरण की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। मामला संज्ञान में आते ही बेसिक शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गयी। ग्रामीणों का आरोप था कि छुट्टी के दिन प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय के लिए क्रय की गयी नवीन वस्तुओं जैसे प्लेट-गिलास, अग्निशमन यंत्र, केबल, जूट के बोरे व गेहूं बरामद हुआ। जब ग्रामीणों ने उनसे इसका पूछा तो उन्होंने विद्यालय में टाइल्स लगाने का बहाना बनाया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बोरे में बरामद सभी सामान प्रधानाध्यापक खुले बाजार में बेचने जा रहे थे। उनका यह आचरण पूरी तरह गलत है। महकमे को इस प्रकरण में कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाए। शहाबगंज बीडीओ धर्मजीत सिंह को सूचना दे कर मौके पर बुलाया गया। उधर, खंड शिक्षा अधिकारी शहाबगंज अरविंद यादव ने कहा कि मामला संदिग्ध है। इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी।