चंदौली। नगर स्थित कैम्प कार्यलय पर शुक्रवार को जायसवाल समाज ने सहस्त्र बाहुबली की जयंती धूमधाम से श्रद्धापूर्वक मनायी। इस दौरान जायसवाल समाज के लोगों ने उनके चित्र पर माल्यापर्ण करने के साथ ही उनके व्यक्तित्व व जीवन पर प्रकाश डाला। साथ ही उनके दिखाए मार्ग पर चलने के संकल्प को दोहराया। साथ ही समाज को शिक्षित व सशक्त बनाने पर चिंतन-मंथन किया।
इस दौरान वक्ताओं ने बताया कि सहस्त्रबाहु का मूल नाम कार्तवीर्य अर्जुन था, जो बड़े प्रतापी और शूरवीर थे। उन्होंने अपने गुरु दत्तात्रेय को प्रसन्न करके वरदान के रूप में उनसे हजार भुजाएं प्राप्त की थीं। इस कारण ही कार्तवीर्य अर्जुन सहस्त्रबाहु के नाम से विख्यात हुए। नारायण दास जायसवाल ने कहा कि सहस्त्रबाहु अर्जुन की जीवनी न्याय लेने के लिए अन्याय से लड़ने की सीख देती है। समाज के लोगों ने सहस्त्रबाहु अर्जुन के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। साथ ही सामाजिक कुरीतियों को दूर करते हुए सभ्य समाज का निर्णय लिया। सचिव मनोज कुमार ने बताया कि भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के जीवन चरित्र पूरे मानव जाति के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने कहा कि सामाजिक एवं राजनीतिक उत्थान के लिए एकजुटता अनिवार्य है। जब तक समाज के लोग एकजुट नहीं होंगे, तब तक सामाजिक कुरीतियों को दूर नहीं कर सकते हैं। कार्यक्रम समापन के पूर्व समाज के लोगों ने सामूहिक भोज कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान नारायण दास जायसवाल, अखिलेश जायसवाल, शुभम जाससवाल, अभिषेक जायसवाल आदि उपस्थित रहे।