बोले डीएम‚ पराली को न जलाएं, उसका वेस्ट डी कंपोस्ट खाद तैयार करें
चंदौली। जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र में जिलाधिकारी संजीव सिंह की अध्यक्षता में हुई। पराली जलाने पर पूर्णतः अंकुश लगाने व जनपद के कृषक को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जिलाधिकारी ने प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जिलाधिकारी ने तीन ट्रैक्टर सहित कृषि यंत्र का चयनित किसानों को प्रतीकात्मक चाबी सौंपी। इसकी शुरुआत जिलाधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
उन्होंने बताया कि रबी के सीजन में कम, लेकिन खरीफ के सीजन में धान की पराली निस्तारण के लिए पर्याप्त संसाधन न होने से किसान पराली को मजबूर होकर जलाता है। लेकिन अब इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की सुविधाओं को देखते हुए तमाम आधुनिक तकनीक वाली मल्चर सहित अन्य यंत्रों को किसानों को आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान पराली को क़त्तई न जलाएं उसका वेस्ट डी कंपोस्ट खाद तैयार करें और उसका उपयोग कर खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ाएं। जैविक खेती का प्रयोग करें मिट्टी की जांच समय-समय पर अवश्य कराएं। पराली जलाने से प्रदूषण तो होता ही है खेत की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने वाले किसको को चिन्हित करने का काम किया जाएगा। जनपद में उर्वरक व खाद की पर्याप्त उपलब्धता है जितनी जरूरत हो सहकारी समिति से प्राप्त कर लें। किसान अपना धान क्रय केंद्र पर ही बेचे, बिचौलियों को क़त्तई न दें। धान की बिक्री का पंजीकरण करा लंे सत्यापन के उपरांत स्वयं बिक्री करें। धान गेहूं के अलावा मत्स्य व पशुपालन पर सरकार के द्वारा बैक में केसीसी ऋण दी जा रही है। अधिक से अधिक लोग योजना का लाभ उठाएं यदि कहीं दिक्कत हो तो एलडीएम व कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क करें। जनपद में धान गेहूं के अलावा कुछ-कुछ जगहों पर प्याज की खेती किसानों के द्वारा बेहतर ढंग से किया जा रहा है। अच्छा मुनाफा वाला खेती है लोगों को इसे जानकारी लेकर खेती भी करें। इस दौरान उप निदेशक कृषि, जिला विकास अधिकारी, सहित अन्य अधिकारीगण एवं किसान बंधु उपस्थित रहे।