-8.1 C
New York
Sunday, December 22, 2024

Buy now

कृषि कानूनों की वापसी का फैसला लेने में केंद्र सरकार ने किया विलंब

- Advertisement -


चंदौली। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने से देश में हर्ष जैसा माहौल रहा। इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया। साथ ही आरोप मढ़ा कि सरकार ने इस फैसले को लेने में अतिविलंब किया है। साथ ही इसमें किसानों के हित की बजाय राजनीतिक लाभ परिलक्षित हो रहा है। कहा कि सरकार को किसानों के हित में बेहतर ढंग से कार्य करने के लिए आगे आना चाहिए इसमें राजनीति नफा-नुकसान को नहीं देखा जाना चाहिए।
इस बाबत किसान रतन सिंह ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने के लिए सरकार ने कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। अगर पुराना कानून बेहतर था तो उस दौर में किसानों ने आत्महत्याएं क्यों की? और सरकार ने उसमें सुधार के लिए कदम उठाया तो पीछे नहीं हटना चाहिए था। किसान विरेंद्र सिंह ने कहा कि प्रकाश पर्व पर लिया गया निर्णय किसानों के हित में है। सरकार ने इसको लेने में काफी विलंब कर दिया यह फैसला काफी पहले हो जाना चाहिए था। किसान कमलेश सिंह ने कहा कि कानून वापसी से किसानों में खुशी है, लेकिन सरकार एमएसपी सुनिश्चित करना चाहिए। मोहन सिंह ने कहा कि कृषि कानून वापस होने से किसानों को राहत है, लेकिन इतने किसानों की जान जाने के बाद यह फैसला लिया गया जो राजनीतिक लाभ से प्रेरित रहा। यह फैसला पहले ही ले लिया जाना चाहिए था। कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं जो अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में अहम भूमिका अदा करते चले आ रहे हैं। किसान सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कानून वापसी के साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों के उपज की खरीद की गारंटी सरकार सुनिश्चित करे। प्रेमशंकर सिंह ने कहा कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, जो हाल-फिलहाल पूरा होता नहीं दिख रहा है। सरकार को चाहिए कि वह किसानों को संसाधन व सुविधाएं दें। साथ ही उपज की बिक्री के लिए उचित मार्केट उपलब्ध कराए, ताकि किसान आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो।

Related Articles

Election - 2024

Latest Articles

You cannot copy content of this page

Verified by MonsterInsights