15 C
New York
Tuesday, September 26, 2023

Buy now

चंदौली के ‘टिकैत’ की शख्सियत में नजर आ रहे मनोज सिंह ‘डब्लू’

- Advertisement -

चंदौली। राकेश टिकैत जी हां, वही राकेश टिकैत जिनके बारे में अभी आप सोच रहे है देश के किसान का सबसे सशक्त हस्ताक्षर। किसान आंदोलन से विश्व पटल पर दृढ़ता के प्रतीक बने राकेश टिकैत के व्यक्तित्व से आज हर कोई वाकिफ है। ऐसी ही एक शख्सियत काशी का हिस्सा रहे बाबा कीनाराम की धरती चंदौली में जन्म लिया और आज जनसेवा में लगे पड़े हैं। बात हो रही है माधोपुर निवासी समाजवादी नेता मनोज कुमार सिंह डब्लू की। जिन्हें आज चंदौली का टिकैत कहा जाए तो किसानों को कोई आपत्ति नहीं होगी। राजनीति विरोध होते रहे हैं और आगे भी होंगे, लेकिन जब आप खेत में हल चलाने वाले किसान से मनोज डब्लू के लिए यह संबोधन कहेंगे तो उसकी मूंछों पर ताव होगा और चेहरे पर मुस्कान होगी। क्योंकि आज चंदौली का किसान यह जान, समझ व मान बैठा है कि जिन समस्याओं के लिए जिला प्रशासन उन्हें लम्बे वक्त से दौड़ा रहा है उसका निराकरण कोई करा सकता है तो वह मनोज डब्लू। ऐसा जनपद चंदौली के किसानों का कहना व मानना है और चंदौली के टिकैत की उपाधि भी चंदौली के किसानों द्वारा ही दी गयी है जो चर्चा में सुने जाने के बाद आज खबर के रूप में लिखी व गढ़ी जा रही है। ऐसा इसलिए कि लोग इस धरती पकड़ नेता के बारे में और अधिक जानने की लालसा अपने अंदर पैदा करें।


इनसेट—-
मनोज सिंह डब्लू का किसान किरदार
चंदौली। तत्कालीन समय में काशी के महाईच परगना स्थित माधोपुर गांव में मनोज सिंह डब्लू का जन्म हुआ। उस दौरान में भी उनका परिवार किसान था और अपना बाल्या व किशोरावस्था को पार करते हुए मनोज डब्लू भी मिट्टी से सोना उगाने में जुट गए। खेत, खलिहान व मवेशियों से उनका लगाव शुरुआत से रहा है। परिवार की आर्थिक समृद्धि उरूज पर थी। बावजूद इसके वह व्यक्तिगत तौर पर अपनी माटी से जुड़े रहे। आज भी धान के सीजन में वह खुद खेतों में ट्रैक्टर व हल चलाते हैं। धान की रोपाई करते हैं और यहां तक की धान की कटाई में भी अक्सर अपने हूनर का प्रदर्शन करते हुए नजर आते हैं। इसके अलावा माधोपुर गांव स्थित अपने रिहायशी मकान के ईद-गिर्द आलू, प्यास व सब्जियों की खेती में श्रमिकों संग कुदाल-फावड़ा चलाते हुए नजर आ जाते हैं। इन्हें पशुओं से भी बहुत लगाव है। गौवंश की सेवा करने के साथ ही दूध दूहने आदि कामकाज को भी मनोज सिंह डब्लू अक्सर अपने हाथ निष्पादित करते हैं। उनका मानना है कि किसान होना की अनुभूति होना अपने आप में अद्भुत है। इसे वही समझ सकता है जो दिल से खेती-किसानी को अपनाता है।


इनसेट—-
किसानों के लिए लड़े, जीते और जेल भी गए
चंदौली। किसान आंदोलन के शंखनाद के साथ ही समाजवादी नेता मनोज कुमार सिंह डब्लू ने कृषि विधेयकों की पुरजोर खिलाफत की। इस दरम्यान आंदोलन किया, पैदल चले और सरकार की नीतियों का विरोध किया। यही वजह रहा है कि किसानों के आंदोलन का समर्थन के जुर्म में इन्हें दो बार जेल जाना पड़ा। इनके घर को आए दिन पुलिस किलेबंदी में तब्दील कर दिया जाता, ताकि मनोज सिंह डब्लू घरों से बाहर ना निकले। किसानों के बीच न जाने और उनकी जायज मांगों की आवाज बनकर शासन-प्रशासन के लिए मुश्किलें ना पैदा करें। बावजूद इसके मनोज डब्लू संघर्षशील रहे और कई बार किसानों के मुद्दे पर जीत दिलाने का काम किया। मामला चाहे नरायनपुर पम्प कैनाल को धान के सीजन में समय से शुरू कराने का रहा हो या फिर किसानों धान-गेहूं की खरीद का मामला रहा हो। किसानों की शिकायत पर जहां-जहां मनोज सिंह डब्लू गए समस्याएं हल होती गयी।


इनसेट—-
किसानों के 70 लाख बकाए का कराया भुगतान
चंदौली। मनोज कुमार सिंह ‘डब्लू’ की शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने हाल फिलहाल किसानों का लम्बे समय से चला आ रहा 70 लाख रुपये के बकाया का भुगतान कराने का काम किया है। यह बड़ी बात थी और बड़ा काम भी था। इससे कई किसान परिवारों में खुशी है, क्योंकि इन बकायों के कारण किसी के घर मांगलिक कार्यक्रम में आर्थिक अड़चन थी तो कोई गेहूं की बोआई के लिए फिक्रमंद था, वहीं कुछ के लिए बकाया पैसा दवा-ईलाज व पढ़ाई में आ रहे था, जिससे उनके आगे की राह प्रशस्त हुई है। इस बात की गंभीरता इससे समझी जा सकती है कि सत्ता-शासन में रहते हुए भी न तो किसी जनप्रतिनिधि ने ऐसा किया और ना ही सत्तारूढ़ दल का नेता ऐसा कर पाया। ऐसे में मनोज डब्लू की शख्सियत उन तमाम नेताओं से बड़ी आंकी जाएगी जो ऐसा करने से रह गए या नहीं कर पाए।
इनसेट—-


लोगों के आशीर्वाद से लबरेज है इनका व्यक्तित्व
चंदौली। समाजवादी नेता मनोज सिंह डब्लू के बारे में यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि यह चंदौली के ऐसे नेता है जिन्हें आम लोगों की दुआएं व आशीर्वाद अलग-अलग रूप में मिलता रहता है। हाल ही शहीद स्मारक स्थल पर एक बुजुर्ग महिला ने अपने आंचल में बंधे चंद रुपये मनोज डब्लू को आशीर्वाद स्वरूप हासिल दिए। अब उस पैसे क्या मोल लगाया जा जाय, जिसे एक अशक्त महिला ने न जाने किन परिस्थितियों में जोड़कर इकट्ठा किया होगा और वह उसे मनोज को दे आश्वस्त नजर आयी। उनके चेहरे में खुशी के भाव थे जो मनोज डब्लू को दुलार गए। इसी तरह पिछले धान के सीजन में एक वृद्ध किसान आए सपा नेता के आवास पर आए और अपनी जेब से चंद रुपये निकालकर मनोज डब्लू के हाथ पर रख दिया। कहा कि इसे आशीर्वाद समझकर रख लो, गाड़ी में तेल भरा लेना क्योंकि तुम जिस क्रय केंद्र पर जाते वहां के किसानों की खरीद कर ली जाती है। यह छोटी-छोटी घटनाएं किसी भी राजनेता के कद को ऊंचा बनाने के लिए पर्याप्त है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,871FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles

You cannot copy content of this page

Verified by MonsterInsights