व्यापारी बोले‚ जीएसटी की दरों से आमजन पर बढ़ेगा महंगाई का भार
Young Writer, चंदौली। समाजवादी व्यापार सभा का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को जिलाधिकारी से मिला। इस दौरान व्यापारियों ने कपड़े, फुटवियर व ईंट पर जीएसटी की दर बढ़ाने का विरोध किया। साथ ही जीएसटी दरों में वृद्धि से आम आदमी के जीवन पर पढ़ने वाले असर से जिलाधिकारी को अवगत कराया। चेताया कि यदि जीएसटी की बढ़ी हुई दारों को वापस नहीं लिया गया तो हम सभी इसका पुरजोर विरोध करेंगे।
इस दौरान जिलाध्यक्ष अशोक कुमार गुप्त ने कहा कि जीएसटी की दरें बढ़ने से एक जनवरी के बाद कपड़ा से लेकर कफन तक महंगा हो जाएगा। इसके अलावा ईंट महंगी होने से गरीबों व मध्यम वर्गीय लोगों के घर–मकान बनाने का सपना भी उनकी पहुंच से बाहर हो जाएगा। लिहाजा सरकार का यह निर्णय पूरी तरह से व्यापारी व आमजन के खिलाफ है। सरकार के इस निर्णय से महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की जेब पर बोझ और बढ़ेगा। सरकार की गलत नीतियों के कारण आज व्यापारी बर्बादी की कगार पर है। ऐसी विषम स्थिति में राहत देने की बजाय केन्द्र सरकार ने कपड़े, ईंट व फुटवियर जैसी बुनियादी वस्तुओं की जीएसटी की दरें पांच से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है, जिससे इस व्यापार से जुड़े दुकानदारों, उद्यमियों व भट्टा मालिकों को मौत की शैया पर धकेलने काम कर रही है। सरकार के इस फैसले से चंद बड़ी कम्पनियों को लाभ होगा। साथ ही छोटे व मध्यम व्यापारी के अलावा किसान, छात्र व मजदूर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। नई दरें प्रभावी होने से कपड़े, कंबल, पर्दे, सुतली की नुकीले जाल, रस्सी, तिरपाल, जूतू, हवाई चप्पल व ईंट आदि महंगे हो जाएंगे। लिहाजा सरकार इसे तत्काल वापस ले। क्योंकि ऐसा नहीं हुआ तो देश के आम लोगों पर महंगाई का बोझ और बढ़ेगा।