Young Writer, कंदवा। पुलिस वसूली से बचने के प्रयास में ककरैत गांव के पुल पर मंगलवार की अलसुबह बड़ा हादसा होते होते रह गया। मवेशी लदे अज्ञात वाहन के चालक ने पुलिस बैरिकेड्स को टक्कर मारते हुए बिहार भाग निकला, लेकिन इस घटना में ककरैत गांव की वाहन के टक्कर के बाद पुलिस बैरिकेड्स की जद में आने से 32 वर्षीय एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गयी, जिसकी हालत नाजुक देख वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया है। उक्त घटना से गुस्साए ककरैत के ग्रामीण भारी संख्या में ककरैत पुल पर जमा हो गए और चक्काजाम कर दिया। ग्रामीणों के आक्रोश को देख मौके पर मौजूद थाना इलाका की पुलिस सरकारी वाहन छोड़ भाग निकली। जानकारी के सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह डब्लू मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। फिलहाल मनोज कुमार सिंह डब्लू ग्रामीणों के आंदोलन में शामिल हैं और सक्षम अधिकारी के मौके पर आने का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने जनपद पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया। कहा कि पुलिस पैसे लेकर पशु तस्करी करा रही है। ऐसे गैरकानूनी कृत्य के कारण कभी-कभी आम लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाता है। पुलिस वसूली से बचने के प्रयास में ककरैत में हुई घटना इसका उदाहरण है। यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी जनपद के इलिया थाना क्षेत्र के माल्दह गांव में हुई घटना में आधा दर्जन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। तमाम प्रयास के बावजूद जनपद में पशुओं की तस्करी से लगायत तमाम प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है। पुलिस का कृत्य व कार्य प्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। ऐसे में यदि पुलिस अधीक्षक चंदौली द्वारा थाना इलाका कंदवा की पुलिस के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाते हैं तो ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति बार-बार होती रहेगी। घायल विवाहिता ककरैत निवासी मोती चौधरी की बेटी इनरबसा देवी 32 वर्ष है, जिसका विवाह कानपुर में हुआ है। वह बीते एक सप्ताह से अपने मायके में थी और आज ही उसे अपने ससुराल लौटना था, लेकिन दुर्भाग्य यह कि अलसुबह शौच के लिए निकली और तभी पुलिस वसूली से बचने का प्रयास कर रहे पशु लदे अज्ञात वाहन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गयी। ग्रामीणों के मुताबिक विवाहित को सिर में गंभीर चोटे आई हैं। समाचार दिए जाने से घायल महिला का ईलाज वाराणसी ट्राम सेंटर में चल रहा है।
….यह रही ग्रामीणों की मांगें
कंदवा। ककरैत गांव के लोग पुल पर लगे पुलिस बैरिकेड्स को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा गांव में शराब के ठेके को हटाने की मांग गांव के ग्रामीण व महिलाएं लम्बे समय से करते आ रहे हैं। क्योंकि पूर्व में भी उक्त ककरैत पुलिया पर इस तरह का हादसा को चुका है। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन की ओर से घटना को गंभीरता से नहीं लिया गया। ग्रामीणों का कहना था कि जब रास्ता व पुल का निर्माण हो चुका है तो यहां पुलिस बैरिकेड्ट लगाने का कोई औचित्य नहीं है। वहीं गांव की महिलाओं का कहना है कि स्थानीय पुलिस ककरैत से 1500 मीटर की दूरी पर अपनी ड्यूटी करे। साथ ही ग्रामीणों ने मांग किया कि हादसे में घायल इनरबासी देवी के दवा–ईलाज का खर्च भी पुलिस–प्रशासन वहन करे‚ क्योंकि आज उसका जीवन पुलिस की लापरवाही के कारण खतरे में है।
कंदवा पुलिस पर लगा वसूली का आरोप
कंदवा। ककरैत पुल पर मंगलवार की अलसुबह हुए हादसे के बाद स्थानीय थाना इलाका पुलिस पर ग्रामीणों ने कई गंभीर आरोप लगाए। कहा कि पुलिस पशु से लगायत धान, शराब, खाद व हरी सब्जियों तक के लिए पैसे वसूल करती है। ग्रामीणों के आरोप की पुष्टि करते हुए सपा नेता मनोज कुमार सिंह डब्लू ने वसूली का पूरा चार्ट की मीडिया के समक्ष सार्वजनिक कर दिया। उन्होंने बताया कि बिहार खाद की तस्करी करने वालों से प्रति बोरा 100 रुपये वसूला जाता है। यहां तक पुलिस बैरिकेडट्स लगाकर हरी सब्यिों के परिवहन पर भी 100-50 रुपये स्थानीय ग्रामीणों से वसूल लेती है। इसके अलावा धान, बालू आदि पर भी पुलिस वसूली करती है। आरोप लगाया कि वसूली का यह पूरा खेल सफेदपोश लोगों की निरागनी व संरक्षण में हो रहा है, जिससे ककरैत गांव के जीवन आए संकट आ जाता है। लिहाजा ग्रामीणों की मांग का सम्मान करते हुए ककरैत पुल से पुलिस बैरिकेडिंग को हटा दिया जाय। साथ ही अवैध वसूली को पुलिस महकमा गंभीरता से ले।