सड़क चौड़ीकरण के दौरान तोड़ दिया मंदिर, मूर्ति को सड़क पे छोड़ा
सामाजिक कार्यकर्ता ने स्थानीय लोगों के सहयोगी से दूसरी जगह किया स्थापित
मंदिर तोड़ने से पहले दूसरी जगह बनाने का था सरकारी आदेश
Young Writer, वाराणासी। सेंट्रल जेल की सड़क पर मानव को आश्रय देने वाले को मानव ने ही तोड़कर बिखेर दिया। जिसे गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता ने स्थानीय लोगों के सहयोग से हटा कर विधि विधान से शिवाला मंदिर, सेंट्रल जेल परिसर में स्थपित किया। अफसरों के इस कृत्य से लोगों में गहरा आक्रोश देखने को मिला। लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताया।
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। इस दौरान मार्ग पर पड़ने वाले मंदिरों को हटाने से पहले मूर्तियों को सम्मान पूर्वक पूजन विधि अनुसार, दूसरा मंदिर बना कर स्थापित करने हेतु विभाग को आदेश था। लेकिन सड़क निर्माण में लगे भ्रष्ट अफसरों ने पहले ही मंदिर तोड़ दिया। इतना ही नहीं मंदीर में स्थापित मूर्ति को हटाना भी जरूरी नहीं समझा। बीते गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशू चतुर्वेदी की नज़र टूटे हुए मंदिर पर पड़ी तो वो आगे बढ़कर मंदिर से मूर्ति को बाहर निकलने का प्रयास करने लगे। इस दौरान स्थानीय लोगों ने भी अपना योगदान दिया और हिमांशु ने मूर्ति को सिर पे रखकर दूसरे मंदिर मे स्थापित किया व पूजा-अर्चना की। इस दौरान स्थानीय लोग सरकारी अफसरों को कोसते नजर आए। कहा कि ऐसे ही भ्रस्ट अफसरों के कार्यों से सरकार बदनाम होती है और आम जनता परेशान।