बोले, सरकार हस्तक्षेप कर गरीबों का पैसा दिलाए
वापसचंदौली। कांग्रेसियों ने आमजन की सहारा व पल्स जैसी कम्पनियों में फंसे करोड़ों रुपये वापस दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचा। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर सहारा व पल्स कम्पनियों द्वारा करोड़ों लोगों का पैसा आरडी व एफडी समेत अन्य योजनाओं में मुनाफे का लालच देकर जमा कराया गया। जिनकी मियाद पूरी होने के बाद भी लोगों को उनकी ही कमाई का पैसा नहीं मिल पा रहा है।ऐसे में किसी गरीब की बेटी की शादी धनाभाव के कारण नहीं हो पा रही है तो कई धन की कमी के कारण अन्य जरूरी कामकाज को पूरा नहीं कर पा रहा है। स्थिति यह है कि लोग चार-पांच साल से इन कम्पनियों की शाखाओं का चक्कर लगा रहे हैं। मांग किया कि जिन लोगों के पैसे सहारा व पल्स जैसी कम्पनियों में फंसे हैं उनके सरकार वापस दिलाने की पहल करे, ताकि उन्हें बड़े आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।इस दौरान प्रदेश महासचिव देवेंद्र प्रताप सिंह मुन्ना ने कहा कि सहारा ग्रुप ने अपनी दो कम्पनियों के जरिए 2.25 करोड़ निवेशकों का 24 हजार करोड़ जुटाया। इसके बाद इन पैसों का कैसे और कहां इस्तेमाल किया गया इसका कोई रिकार्ड नहीं है। जब सेबी ने जांच शुरू किया तो पता चला कि कई निवेशक फर्जी थे। बाकी कम्पनी का दूर-दूर तक पता नहीं है। इस कारण गरीब व सामान्य स्तर के लोगों ने बेहतर भविष्य व बेटियों की शादी आदि के लिए पांच सालों से उनका पैसा फंसा हुआ है। ये लोग सहारा व पल्स कम्पनियों में जमा पैसे के लिए चक्कर काट रहे है, लेकिन उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है। जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र तिवारी ने कहा कि इससे न केवल आम जनता परेशान है, बल्कि सहारा कम्पनी में काम करने वाले 12 कर्मचारी भी प्रभावित हैं। पिछली सरकारों ने ऐसे लोगों की कोई सुध नहीं ली, जिनके पैसे सहारा जैसी कम्पनियों में फंसे है। मांग किया कि सहारा व पल्स कम्पनियों में निवेश करने वाले प्रदेश के गरीब व मध्यवर्गीय लोगों को सूचीबद्ध कर तत्काल उनका पैसा वापस कराया जाय। इस कार्य में सरकार हस्तक्षेप करते हुए इन कम्पनियों को कम्पनियों को निर्देशित करे। इस अवसर पर छब्बू पटेल, टीआर दिनकर, अरुण द्विवेदी, गीता सिंह, रीना देवी, जय प्रकाश पटेल, शशिनाथ उपाध्याय, अशोक यादव आदि उपस्थित रहे।
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